अंग प्रत्यारोपण के साथ एलर्जी भी मिली

दि आप जानते हैं कि आपको किसी तरह के खाने से कोई परेशानी या एलर्जी नहीं है तो आप बेफिक्र होकर वह चीज़ खाते हैं। ऐसा सोचकर ही एक महिला ने हमेशा की तरह पीनट-बटर-जैम सैंडविच खाया। मगर इस बार उसे भयानक एलर्जी हो गई। ट्रासंप्लांटेशन प्रोसिडिंग्स पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक यह एलर्जी महिला को जिस व्यक्ति का अंग प्रत्यारोपित किया गया, उससे मिली है।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के फेफड़ा और क्रिटिकल केयर मेडिसिन के फेलो मज़ेन ओडिश के मुताबिक 68 वर्षीय महिला एंफेसिमा से पीड़ित थी। (एंफेसिमा में फेफड़ो के वायुकोश क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और सांस लेने में कठिनाई होती है।) इसी के इलाज में, एक अन्य व्यक्ति का एक फेफड़ा महिला के शरीर में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया था। लेकिन अचानक एक दिन महिला को सीने में जकड़न महसूस होने लगी और उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। महिला के अनुसार उन्हें यह दिक्कत पीनट-बटर-जैम सैंडविंच खाने के बाद शुरू हुई। लेकिन महिला में फूड एलर्जी के अन्य कोई लक्षण (रेशेस या पेटदर्द) दिखाई नहीं दे रहे थे। चूंकि महिला को पहले कभी यह समस्या नहीं हुई थी इसलिए डॉक्टर ने जिस व्यक्ति का फेफड़ा महिला के शरीर में लगाया था, उसकी एलर्जी के बारे में जानकारी ली। पता चला कि उस व्यक्ति को मूंगफली से एलर्जी है। ओडिश का कहना है कि फेफड़े के साथ-साथ एलर्जी भी महिला को मिल गई थी।

हालांकि यह बहुत कम होता है कि अंग के साथ-साथ अंग दान करने वाले की एलर्जी भी अंग प्राप्तकर्ता में हस्तांतरित हो जाए। मगर लिवर, किडनी, फेफड़े, अस्थि मज्जा, ह्रदय के प्रत्यारोपण के मामलों में ऐसा देखा गया है कि अंगदान करने वाले की फूड एलर्जी अंग प्राप्तकर्ता में हस्तांतरित हुई है।

एक अन्य शोध के मुताबिक अंग प्रत्यारोपण के दौरान फूड एलर्जी उन मामलों में हस्तांतरित होती है जिनमें अंग प्राप्तकर्ता को टैक्रोलिमस नामक औषधि दी गई हो। दरअसल शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली किसी भी बाहरी चीज़ को नष्ट कर देती है। अंग प्रत्यारोपण के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली प्रत्यारोपित अंग को बाहरी समझ कर उसे नष्ट न कर दे, इसके लिए टैक्रोलिमस औषधि दी जाती है। इस महिला को भी टेक्रोलिमस औषधि दी गई थी।

आगे की जांच में इस बात की पुष्टि भी हुई कि महिला को मूंगफली के अलावा काजू-बादाम, अखरोट और नारियल से भी एलर्जी भी हो गई है। ओडिश का कहना है कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि प्रत्यारोपण के साथ आने वाली एलर्जी ताउम्र रहती है या नहीं। किसी-किसी मामले में समय के साथ एलर्जी खत्म भी हो सकती है। फिलहाल डॉक्टर, महिला की मूंगफली और अन्य गिरियों की एलर्जी की लगातार जांच करेंगे और देखेंगे कि क्या वक्त के साथ स्थिति में कोई बदलाव आता है। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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