रक्त समूह A को O में बदलने की संभावना

आम तौर पर दुनिया में चार तरह के रक्त समूह (A, B, AB, और O) होते है। हर व्यक्ति इनमें से किसी एक रक्त समूह का होता है। इन रक्त समूहों की पहचान लाल रक्त कोशिकाओं की सतह की बनावट या उन पर मौजूद एंटीजन से होती है। किसी व्यक्ति को ज़रूरत पड़ने पर सही समूह का रक्त चढ़ाना ज़रूरी होता है अन्यथा शरीर की एंटीबॉडी लाल रक्त कोशिकाओं पर उपस्थित एंटीजन को भांपकर उसे बाहरी समझकर मार देती है। यह जानलेवा साबित हो सकता है।

चूंकि O रक्त समूह की कोशिकाओं पर कोई एंटीजन मौजूद नहीं होता इसलिए इस समूह का रक्त किसी भी व्यक्ति को चढ़ाया जा सकता है। और इसी कारण कई बार आपात स्थिति में ज़रूरी होने पर मरीज़ के रक्त समूह की जांच किए बिना O समूह का रक्त चढ़ा दिया जाता है। अर्थात इस समूह का रक्त अत्यंत कीमती है। यह रक्त समूह और भी सहजता से उपलब्ध हो सके, इसके लिए शोधकर्ता पिछले कुछ वर्षों से A रक्त समूह की सतह पर मौजूद एंटीजन को हटाकर इसे O रक्त समूह में परिवर्तित करने की कोशिश कर रहे हैं। और इस दिशा में हाल ही में वेन्कूवर स्थित ब्रिाटिश कोलंबिया युनिवर्सिटी के स्टीफन वीथर्स ने दो ऐसे एंज़ाइम्स की पहचान की है जो A रक्त समूह की सतह पर मौजूद एंटीजन को पचाने में सक्षम है।

शोधकर्ताओं ने देखा कि मानव आंत में मौजूद कुछ बैक्टीरिया म्यूसिन का पाचन करते हैं। म्यूसिन दरअसल श्लेष्मा में पाया जाने वाला एक ग्लायकोप्रोटीन है जिसकी बनावट A रक्त समूह की सतह पर मौजूद एंटीजन के समान होती है। इसलिए शोधकर्ताओं ने अपना ध्यान मानव आंत में मौजूद उन बैक्टीरिया पर केन्द्रित किया जिनमें म्यूसिन पचाने की क्षमता थी।

उन्होंने मानव मल से डीएनए के उन हिस्सों को अलग किया जिनमें म्यूसिन पचाने वाले जीन मौजूद थे। फिर हर हिस्से को ई. कोली बैक्टीरिया के साथ जोड़ दिया और देखा कि क्या कोई बैक्टीरिया A रक्त समूह की सतह पर मौजूद एंटीजन को पचाने वाला एंज़ाइम बनाता है। उन्होंने पाया कि ऐसे दो एंजाइम का एक साथ उपयोग करने पर वे A रक्त समूह के एंटीजन को हटाने में सक्षम थे। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के बारे में शोध पत्रिका नेचर माइक्रोबायोलॉजी में बताया है कि इन एंजाइम्स का निर्माण फ्लेवोनिफ्रेक्टर प्लॉटी नामक बैक्टीरिया द्वारा किया जाता है। इसके बाद उन्होंने रक्त के नमूनों साथ भी यही परीक्षण दोहराया और उन्हें संतोषजनक परिणाम मिले। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि बाकी है कि इन एंजाइम्स द्वारा सारे एंटीजन हटा दिए जाते हैं या नहीं। साथ ही इस बात की पुष्टि की भी ज़रूरत है कि ये एंजाइम्स लाल रक्त कोशिकाओं की सतह से एंटीजन हटाने के अलावा कोई अन्य फेरबदल तो नहीं करते। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://www.sciencemag.org/sites/default/files/styles/inline__450w__no_aspect/public/blood_16x9_0.jpg?itok=fQewIF2m

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