श्वसन सम्बंधी रहस्यमयी वायरस

हाल ही में वायरल निमोनिया के एक अज्ञात रूप ने चीन के वुडान शहर में कई दर्जन लोगों को प्रभावित किया है। इससे देश भर में सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) के प्रकोप की संभावना व्यक्त की जा रही है।

यूएस सेंटर्स फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, इससे पहले वर्ष 2002 और 2003 में SARS छब्बीस देशों में फैला था जिसने 8000 लोगों में गंभीर फ्लू जैसी बीमारी के लक्षण पैदा किए थे। इसके कारण लगभग 750 लोगों की मृत्यु भी हुई थी। उस समय इस प्रकोप की शुरुआत चीन में हुई थी जिसके चलते चीन में 349 और हांगकांग में 299 लोगों की जानें गई थीं।

जब कोई SARS संक्रमित व्यक्ति छींकता या खांसता है तब संभावना होती है कि वह अपने आसपास के लोगों और चीजों को दूषित कर देगा।

हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2004 में चीन को SARS मुक्त घोषित कर दिया था लेकिन हाल की घटनाओं ने इस बीमारी की वापसी के संकेत दिए हैं।

अभी तक सामने आए 40 मामलों में से 11 मामले गंभीर माने गए हैं। संक्रमित लोगों में से अधिकतर लोगों की हुआनन सीफूड थोक बाज़ार में दुकान हैं, उनकी दुकानें स्वास्थ्य अधिकारियों ने अगली सूचना तक बंद कर दी हैं। इसके अलावा हांगकांग, सिंगापुर और ताइवान के हवाई अड्डों पर भी बुखार से पीड़ित व्यक्तियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है।  

वैसे अभी तक इस संक्रमण का कारण अज्ञात है, लेकिन वुडान नगर पालिका के स्वास्थ्य आयोग ने इन्फ्लुएंज़ा, पक्षी-जनित इन्फ्लुएंज़ा, एडेनोवायरस संक्रमण और अन्य सामान्य श्वसन रोगों की संभावना को खारिज कर दिया है। WHO के चीनी प्रतिनिधि के मुताबिक कोरोनावायरस की संभावना की न तो अभी तक कोई पुष्टि की गई है और न ही इसे खारिज किया गया है।

गौरतलब है कि इस दौरान वुडान पुलिस द्वारा SARS से जुड़ी अपुष्ट खबरें फैलाने के ज़ुर्म में आठ लोगों को दंडित किया गया है। चाइनीज़ युनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग की प्रोफेसर एमिली चैन यिंग-येंग का मानना है कि यदि यह वास्तव में SARS है तो उन्हें इससे निपटने का तज़ुर्बा है लेकिन यदि यह कोई नया वायरस या वायरस की कोई नई किस्म है तो इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। 2002 में मृत्यु दर युवाओं में अधिक थी, इसलिए यह देखना भी आवश्यक है कि इस बार वायरस का अधिक प्रभाव युवाओं पर है या बुज़ुर्गों पर।  

2002 की महामारी के विपरीत अब तक व्यक्ति-से-व्यक्ति रोग-प्रसार का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिला है, नहीं तो यह संक्रमण एक सामुदायिक प्रकोप के रूप में उभरकर आता। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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