आइंस्टाइन एक बार फिर सही साबित हुए

ल्बर्ट आइंस्टाइन के सामान्य सापेक्षता सिद्धांत ने एक और परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। शोधकर्ता लगभग 3 दशकों से आकाशगंगा के बीच स्थित विशालकाय ब्लैक होल (Sagittarius A*) के सबसे निकटतम ज्ञात तारे की कक्षा का अध्ययन कर रहे थे। उन्होंने इस तारे की कक्षा में मामूली से परिवर्तन का पता लगाया है और यह परिवर्तन पूरी तरह आइंस्टाइन के सिद्धांत से मेल खाता है।

एस2 नाम का यह तारा 16 वर्ष में अपनी दीर्घवृत्ताकार कक्षा का एक चक्कर पूरा करता है। यह पिछले वर्ष ब्लैक होल के सबसे नज़दीक, 20 अरब किलोमीटर की दूरी, से गुज़रा था। यदि ऐसे में न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत को माना जाए तो इसे अपनी कक्षा में पहले जैसे कायम रहना था लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बल्कि इसके पथ में मामूली सा परिवर्तन देखने को मिला। टीम ने यह अध्ययन युरोपियन सदर्न ऑब्ज़र्वेटरी के एक विशाल टेलिस्कोप की मदद से किया है। इसकी रिपोर्ट को एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिज़िक्स में प्रकाशित किया है। इस घटना को श्वार्ज़स्चाइल्ड पुरस्सरण का नाम दिया है। सामान्य सापेक्षता की भविष्यवाणी के अनुसार आने वाले समय में यह अंतरिक्ष में स्पाइरोग्राफ नुमा फूल का पैटर्न अपनाएगा। 

शोधकर्ताओं का मानना है कि एस2 की विस्तृत ट्रैकिंग की मदद से सापेक्षता के कई अन्य परीक्षण करने में मदद मिलेगी। इसकी सहायता से ब्लैक होल के आसपास उपस्थित डार्क मैटर और छोटे ब्लैक होल सहित अन्य अध्ययन किए जा सकेंगे। इससे यह समझा जा सकेगा कि इस तरह के विशालकाय पिंड कैसे बनते और विकसित होते हैं। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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