कोविड-19 के दौरान फ्लू गायब हो गया

दुनिया भर में सार्स-कोव-2 वायरस के फैलने के बाद से इन्फ्लूएंज़ा के मामलों में अत्यधिक कमी देखी गई है। महामारी विज्ञानी बताते हैं कि कोरोनोवायरस के फैलाव को रोकने के लिए अपनाए गए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों ने संभवत: फ्लू के फैलाव को थामने में भी मदद की है। इन्फ्लुएंज़ा का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में उसी तरह पहुंचता है जिस तरह कोविड-19 संक्रमण फैलता है, लेकिन सार्स-कोव-2 की तुलना में इन्फ्लूएंज़ा की प्रसार दर कम है।

पिछले साल इन्फ्लूएंज़ा के मामलों में विश्व भर में काफी कमी देखी गई थी और इस साल भी फ्लू के मामलों में यह कमी बरकरार है। मेयो क्लिनिक के ग्रेग पोलैंड बताते हैं कि वर्तमान में ना के बराबर फ्लू के मामले दर्ज हुए हैं। वर्ष 2020-21 में फ्लू के मौसम में अमेरिका में इन्फ्लूएंज़ा से लगभग 600 मौतें हुर्इं। जबकि सेंटर फॉर डीसीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के अनुसार वर्ष 2019-20 में 22,000 मौतें और वर्ष 2018-19 में 34,000 मौतें फ्लू के कारण हुई थीं।

फ्लू से बचाव का टीका हर साल फ्लू वायरस के पिछले वर्ष के संस्करणों के आधार पर तैयार किया जाता है। इसलिए हमेशा यह संदेह बना रहता है कि नया टीका कितना कारगर होगा, फ्लू किस तरह फैलेगा। हमेशा की तरह इस बार भी डब्ल्यूएचओ ने फरवरी के अंत में फ्लू का टीका तैयार करने के लिए फ्लू वायरस के संस्करणों की सिफारिशें कर दी है। हालांकि, इन संस्करणों का चुनाव बहुत कम मामलों के आधार पर किया गया क्योंकि सामान्य वर्ष की तुलना में पिछले वर्ष फ्लू के मामले ही बहुत कम दर्ज हुए थे। वायरस का प्रसार जितना कम होता है, उत्परिवर्तित वायरस विकसित होने की संभावना भी उतनी कम होती है। इसलिए संभव है कि वर्ष 2021-22 में ये टीके अतिरिक्त प्रभावी साबित हों।

सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ फ्लू के प्रकोप में इस कमी से खुश हैं। लेकिन कुछ चिकित्सा अधिकारी इसकी प्रतिरक्षा सम्बंधी चिंता जताते हैं। यदि आने वाले कुछ वर्षों तक इन्फ्लूएंज़ा के मामलों में कमी बनी रहती है तो वर्तमान शिशुओं को इससे संक्रमित होकर कम उम्र में ही इसके खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित करने का मौका नहीं मिलेगा। यह उनके लिए अच्छा या बुरा दोनों हो सकता है, और यह इस बात पर निर्भर करता है कि उनके जीवनकाल में फ्लू वायरस के कौन से संस्करण घूम रहे हैं। बहरहाल, भविष्य में इन्फ्लुएंज़ा दुनिया को किस तरह प्रभावित करेगा यह तो वक्त ही बताएगा। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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