वर्ष 2024 में विज्ञान से अपेक्षाएं – ज़ुबैर सिद्दिकी

वर्ष 2024 विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास देखने के लिए तैयार है। उन्नत एआई, चंद्रमा मिशन और अल्ट्राफास्ट सुपर कंप्यूटर इस वर्ष के अनुसंधान को एक नया आकार देने वाले प्रमुख अनुसंधान होंगे। इस वर्ष अपेक्षित प्रमुख घटनाओं की एक झलक…

कृत्रिम बुद्धि (एआई)

वर्ष 2023 में चैटजीपीटी के विकास का विज्ञान पर गहरा प्रभाव पड़ा है। ओपनएआई द्वारा निर्मित इस एआई चैटबॉट का सबसे उन्नत मॉडल वर्तमान में जीपीटी-4 है और इस वर्ष के अंत तक अधिक उन्नत जीपीटी-5 जारी होने की उम्मीद है। इसके अलावा, जीपीटी-4 के गूगल द्वारा विकसित प्रतिस्पर्धी जेमिनी के रोल-आउट की भी उम्मीद है। यह विशाल भाषा मॉडल टेक्स्ट, कंप्यूटर कोड, चित्र, ऑडियो और वीडियो सहित कई प्रकार के इनपुट को संसाधित करने में सक्षम है।

इसी वर्ष गूगल डीपमाइंड के एआई टूल अल्फाफोल्ड का एक नया संस्करण भी जारी होने की अपेक्षा है; अल्फाफोल्ड का उपयोग शोधकर्ता प्रोटीन के 3डी आकार का अनुमान लगाने के लिए कर चुके हैं। यह एआई तकनीक परमाणु स्तर पर प्रोटीन, न्यूक्लिक एसिड और अन्य अणुओं के बीच परस्पर सम्बंध का मॉडलिंग करने में सक्षम होगा। हालांकि, इसमें एक बड़ा सवाल नियामक चिंताओं से जुड़ा है। कृत्रिम बुद्धि पर संयुक्त राष्ट्र की उच्च-स्तरीय सलाहकार संस्था 2024 के मध्य में अपनी अंतिम रिपोर्ट साझा करेगी, जिसमें एआई के अंतर्राष्ट्रीय विनियमन के लिए दिशानिर्देश दिए जाएंगे।

ब्रह्मांड पर नज़र

ब्रह्मांड की खोज जारी रखते हुए चिली स्थित वेरा सी. रुबिन वेधशाला 2024 के अंत तक संचालन शुरू करने के लिए तैयार है। 8.4 मीटर की दूरबीन और 3200 मेगापिक्सल के शक्तिशाली कैमरे से लैस होकर वैज्ञानिक दक्षिणी गोलार्ध के आकाश का अपना नियोजित दस-वर्षीय सर्वेक्षण समय से पूर्व शुरू कर पाएंगे। उन्हें नई क्षणिक घटनाओं को उजागर करने और पृथ्वी के निकट क्षुद्रग्रहों की पहचान करने की उम्मीद है।

इसके साथ ही, 2024 के मध्य में चिली के अटाकामा रेगिस्तान स्थित साइमंस वेधशाला के पूरा होने की भी संभावना है। इसका उद्देश्य ब्रह्मांडीय माइक्रोवेव पृष्ठभूमि में बिग बैंग के अवशेषों यानी आदिम गुरुत्वाकर्षण तरंगों की उपस्थिति का पता लगाना है। 50,000 प्रकाश-संग्राहक डिटेक्टरों से सुसज्जित और मौजूदा परियोजनाओं से दस गुना अधिक उन्नत यह वेधशाला ब्रह्मांड के शुरुआती क्षणों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने में सक्षम है।

अलबत्ता, खगोलविद कृत्रिम चमकदार उपग्रहों की बढ़ती भीड़ से चिंतित हैं जो रात के आकाश में प्रकाश प्रदूषण फैलाकर ज़मीन-आधारित टेलीस्कोप डैटा को अनुपयोगी बना सकते हैं।

हथियारबंद मच्छर

विश्व मच्छर कार्यक्रम इस वर्ष ब्राज़ील स्थित एक फैक्टरी में रोग से लड़ने वाले मच्छरों का उत्पादन शुरू करेगा। इन मच्छरों को एक ऐसे बैक्टीरिया स्ट्रेन से संक्रमित किया जाएगा जो उन्हें रोगजनक वायरसों को फैलाने से रोकता है। उम्मीद है कि इस तकनीक से 7 करोड़ लोगों को डेंगू और ज़ीका जैसी बीमारियों से बचाया सकेगा। यह गैर-मुनाफा संगठन अगले कुछ दशकों मे प्रति वर्ष पांच अरब बैक्टीरिया-संक्रमित मच्छरों का उत्पादन करेगा।

महामारी से आगे

कोविड-19 संकट के बाद से अमेरिकी सरकार तीन उन्नत टीकों के परीक्षणों में निवेश कर रही है। इनमें से दो श्वसन मार्ग आधारित टीके हैं जिनका उद्देश्य श्वसन मार्ग के ऊतकों में प्रतिरक्षा उत्पन्न करके संक्रमण को रोकना है, जबकि तीसरा एमआरएनए वैक्सीन है जो एंटीबॉडी और टी-सेल प्रतिक्रियाओं को बढ़ाते हुए संभवत: सार्स-कोव-2 वेरिएंट की एक विस्तृत शृंखला के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करेगा।

इसके साथ ही, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मई में 77वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान एक महामारी संधि के अंतिम मसौदे का खुलासा करने जा रहा है। इस संधि का उद्देश्य भविष्य में महामारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए वैश्विक स्तर पर सरकारों को बेहतर ढंग से तैयार करना है। डब्ल्यूएचओ के 194 सदस्य देशों द्वारा इस समझौते की शर्तों को निर्धारित किया जाएगा जिसमें इस बात पर भी चर्चा होगी कि क्या इसका कोई प्रावधान कानूनी रूप से बाध्यकारी होगा। इस बातचीत में टीके, डैटा और विशेषज्ञता सहित आवश्यक उपकरणों तक उचित पहुंच सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो भविष्य की महामारी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।

चंद्रमा मिशन

इस वर्ष नासा एक महत्वपूर्ण मानव युक्त चंद्र मिशन, आर्टेमिस-II पर काम कर रहा है। 1970 के दशक के बाद यह नासा का पहला चंद्र मिशन है जिसमें चालक दल भेजा जाएगा। तीन पुरुषों और एक महिला चालक दल वाले इस दस-दिवसीय मिशन को नवंबर में लॉन्च करने की उम्मीद है। यह एक फ्लायबाय मिशन होगा यानी यह चांद का चक्कर लगाकर लौट आएगा। यह आर्टेमिस-III के लिए आधार तैयार करेगा। गौरतलब है कि आर्टेमिस-III का लक्ष्य चांद की सतह पर पहली महिला और उसके बाद दूसरे पुरुष को उतारना है। इसी दौरान, चीन चांग’ई-6 चंद्र मिशन के लिए तैयारी कर रहा है, जिसका लक्ष्य चंद्रमा के दूरस्थ हिस्से से नमूने एकत्र करना है।

इसके अलावा बाहरी सौर मंडल के चंद्रमाओं की खोजबीन के भी आसार हैं। इसमें नासा का क्लिपर क्राफ्ट अक्टूबर में बृहस्पति के चंद्रमा युरोपा के लिए एक मिशन की तैयारी कर रहा है। इसका उद्देश्य युरोपा के भूमिगत समंदर में जीवन की संभावना की तलाश करना है। इसके अलावा, 2024 के लिए प्रस्तावित जापान का मार्शियन मून्स एक्सप्लोरेशन (एमएमएक्स) मिशन, मंगल के चंद्रमाओं फोबोस और डेमोस की पड़ताल करेगा। मिशन की योजना फोबोस की सतह के नमूने एकत्र करके 2029 तक पृथ्वी पर वापस लौटना है।

डार्क मैटर का रहस्य

उम्मीद है कि इस वर्ष सूर्य द्वारा उत्सर्जित रहस्यमयी डार्क-मैटर कण, एक्सियॉन का पता लगाने के उद्देश्य से किए गए प्रयोग के परिणाम सामने आ सकते हैं। डार्क मैटर को समझने की दृष्टि से महत्वपूर्ण एक्सियॉन का निरीक्षण अब तक उसके छोटे आकार तथा संवेदनशील उपकरणों और एक मज़बूत चुंबकीय क्षेत्र के अभाव के चलते नहीं हो पाया है। इसके लिए हैम्बर्ग स्थित जर्मन इलेक्ट्रॉन सिंक्रोट्रॉन में प्रतिदिन 12 घंटे तक सूर्य के केंद्र को ट्रैक करने के लिए एक सौर दूरबीन में 10 मीटर लंबे चुंबक और अति-संवेदनशील, शोर-मुक्त एक्स-रे डिटेक्टरों का उपयोग किया जाता है ताकि एक्सियॉन के फोटॉन में रूपांतरण को देखा जा सके।

इसके अतिरिक्त, 2024 में कण भौतिकी के स्टैण्डर्ड मॉडल में सबसे रहस्यमय कण न्यूट्रिनो का द्रव्यमान ज्ञात करने में सफलता मिल सकती है। 2022 में कार्लस्रुहे ट्रिटियम न्यूट्रिनो प्रयोग से न्यूट्रिनो का द्रव्यमान अधिकतम 0.8 इलेक्ट्रॉन वोल्ट आंका गया था। शोधकर्ताओं की अपेक्षा है कि 2024 में डैटा संग्रह का कार्य पूरा करके न्यूट्रिनो के द्रव्यमान के एक निश्चित मान का निर्धारण किया जा सकेगा।

चेतना की बहस: दूसरा दौर

इस वर्ष चेतना की तंत्रिका उत्पत्ति पर नई जानकारी मिलने की उम्मीद है। उम्मीद है कि कुछ परस्पर विपरीत प्रयोगों के माध्यम से चेतना के दो सिद्धांतों (दर्शन बनाम तंत्रिका विज्ञान) का परीक्षण करने वाली एक परियोजना के दूसरे चरण के परिणाम 2024 के अंत तक सामने आ सकते हैं। प्रथम दौर में दोनों सिद्धांत पूरी तरह से मस्तिष्क-इमेजिंग डैटा की व्याख्या करने में विफल रहे थे। इसके चलते, इन दो सिद्धांतों के बीच 25 वर्ष पुरानी एक शर्त दर्शनशास्त्र के पक्ष में झुक गई थी। हो सकता है कि दूसरा दौर तंत्रिका विज्ञान को व्यक्तिपरक अनुभव के रहस्यों को उजागर करने के करीब ले आए।

ग्रह संरक्षण

इस वर्ष उत्तरार्ध में हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय जलवायु परिवर्तन सम्बंधी राष्ट्रों के कानूनी दायित्वों पर अपनी राय दे सकता है और जलवायु को नुकसान पहुंचाने वालों के लिए परिणामों पर भी फैसला दे सकता है। हालांकि, यह फैसला कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होगा, लेकिन अदालत की साख देशों को अपने जलवायु सम्बंधी लक्ष्यों को सुदृढ़ करने का दबाव बना सकती है और घरेलू स्तर पर कानूनी कार्रवाई में इसका हवाला दिया सकेगा।

प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समझौते के लिए संयुक्त राष्ट्र प्लास्टिक संधि की बातचीत इस वर्ष पूरी होने की उम्मीद है। शोधकर्ताओं के बीच इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं कि पिछले साल शुरू हुई संयुक्त राष्ट्र की ये वार्ताएं बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रही हैं। गौरतलब है कि पूरा विश्व 7 अरब टन से अधिक प्लास्टिक कचरे से जूझ रहा है जिसके कारण महासागरों और वन्यजीवों को काफी नुकसान हो रहा है।

सुपरफास्ट सुपरकंप्यूटर्स

इस वर्ष की शुरुआत में शोधकर्ता युरोप के पहले एक्सास्केल सुपरकंप्यूटर जूपिटर का उपयोग शुरू कर सकते हैं। यह विशाल मशीन प्रत्येक सेकंड एक क्विंटिलियन (एक अरब अरब) गणनाएं करने में सक्षम है। इसका उपयोग चिकित्सा उद्देश्यों के लिए मानव हृदय और मस्तिष्क के डिजिटल जुड़वां मॉडल बनाने और पृथ्वी की जलवायु की उच्च-विभेदन अनुकृतियों चलाने के लिए किया जाएगा।

यूएस के शोधकर्ता भी दो एक्सास्केल मशीनें स्थापित करेंगे: ऑरोरा, और एल कैपिटन। ऑरोरा का उपयोग मस्तिष्क के तंत्रिका सर्किट के मानचित्रण के लिए किया जाएगा जबकि एल कैपिटन का उपयोग परमाणु हथियार विस्फोटों के प्रभावों की अनुकृति तैयार करने के लिए किया जाएगा। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://media.nature.com/lw1024/magazine-assets/d41586-023-04044-9/d41586-023-04044-9_26539082.jpg

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