समुद्री ध्वनियों की लाइब्रेरी की तैयारी

मुद्रों में अठखेलियां करने वालों ने हम्पबैक व्हेल का दर्दभरा गीत सुना है, किलर व्हेल के समूह का कोलाहल सुना है। लेकिन कांटेदार किना समुद्री साही जैसे शांत जीवों की ध्वनि अनसुनी रह जाती है; यह एक खोखले गोले के पानी में गिरने जैसी आवाज़ करता है। अब, कुछ वैज्ञानिक शांत समुद्री जीवों की ध्वनियां लोगों के ध्यान में लाना चाहते हैं। इसलिए इस महीने फ्रंटियर्स इन इकॉलॉजी एंड इवॉल्यूशन में नौ देशों के 17 शोधकर्ताओं ने समुद्री जीवों द्वारा उत्पन्न ध्वनियों को सूचीबद्ध करने, उनका अध्ययन करने और मानचित्रण के लिए एक वैश्विक लाइब्रेरी का प्रस्ताव रखा है। इस लाइब्रेरी को ग्लब्स (GLUBS) नाम दिया है, जिसमें ध्वनि विशेषज्ञों और नागरिक-वैज्ञानिकों से समुद्र के नीचे की ध्वनियां एकत्र की जाएंगी ताकि शोधकर्ताओं को यह ट्रैक करने में मदद मिले कि समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में किस तरह के बदलाव हो रहे हैं।

इस संदर्भ में ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ मरीन साइंस के समुद्री जीव विज्ञानी माइल्स पार्सन्स ने स्पष्ट किया कि इस तरह की लाइब्रेरी का सुझाव नया नहीं हैं। समुद्री जीवों की कुछ लाइब्रेरी पहले से मौजूद हैं। लेकिन वे किसी क्षेत्र या कुछ चुनिंदा जंतुओं पर केंद्रित हैं। नया विचार समुद्र के भीतर के ध्वनि के स्रोतों को समझने और उनके दस्तावेज़ीकरण में मदद करेगा।

उन्होंने आगे बताया कि लाइब्रेरी में ज्ञात ध्वनियां और उनके स्रोत होंगे। इसके साथ-साथ इसमें अज्ञात ध्वनियां भी होंगी जिन्हें पहचानने की आवश्यकता होगी। इसमें शोधकर्ता अपने द्वारा रिकॉर्ड की गई किसी एक जंतु की ध्वनि या किसी एक स्थान पर होने वाली सभी आवाज़ों की सम्मिलित रिकॉर्डिंग अपलोड कर सकते हैं। ध्वनि रिकॉर्डिंग के आधार पर विभिन्न प्रजातियों के वितरण पर नज़र रखने वाले नक्शे होंगे। और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के प्रशिक्षण के लिए एक डैटाबेस होगा।

लाइब्रेरी में ध्वनियों को सहेजने का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को प्रशिक्षित करने का भी है ताकि वे अज्ञात ध्वनियों के (अज्ञात) स्रोतों को पता लगाने और पहचानने में सक्षम हो। आदर्श रूप से हम यह बताने में सक्षम होंगे कि हमने जो ध्वनि रिकॉर्ड की है वह किस प्राणि की है। लेकिन ऐसा करने के लिए प्रत्येक ध्वनि के हज़ारों नमूनों की आवश्यकता होगी।

इस प्रयास में लोगों को जोड़ने के लिए एक ऐसा नागरिक-विज्ञान ऐप बना सकते हैं जिसके ज़रिए वे अपने द्वारा रिकॉर्ड की गई ध्वनियों को अपलोड कर सकें और पहचान सकें। उम्मीद है कि एक दिन एक विशाल डैटाबेस तैयार हो पाएगा जिसको कोई ध्वनि सुनाते ही वह सम्बंधित प्रजाति और उसके व्यवहार को पहचान सकेगा।

समुद्री जीवन की ध्वनियां रिकॉर्ड करने के लिए बैटरी वाले हाइड्रोफोन का उपयोग किया जाता है। खास तौर से गहराई में दबाव से निपटना काफी मुश्किल हो जाता है। हाइड्रोफोन को या तो लगातार रिकॉर्डिंग के लिए या हर 15 मिनट में 5 मिनट की रिकॉर्डिंग करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://www.ngdc.noaa.gov/mgg/pad/image/Soundscape-sm.png


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