खाद्य सुरक्षा के लिए विविधता ज़रूरी – एस. अनंतनारायणन

अंग्रेज़ी में एक कहावत है, जिसका अर्थ है: अपने सारे अंडे एक ही टोकरी में मत रखो। यह कहावत भोजन के संदर्भ में एकदम मुनासिब लगती है। खाद्य आपूर्ति शृंखला में विविधता रखना खाद्य भंडार में कमी का संकट रोकने में प्रभावी है।

पेनसिल्वेनिया स्टेट युनिवर्सिटी के माइकल गोमेज़ और उनके साथियों ने संयुक्त राज्य अमेरिका के 300 से अधिक शहरों और केंद्रों का अध्ययन किया और देखा कि चार साल की अवधि में इनमें से कुछ स्थान खाद्य आपूर्ति के संकट से सुरक्षित रहे। उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि वे क्या खासियतें हैं जिन्होंने इन स्थानों को सुरक्षित रखा। नेचर पत्रिका में उन्होंने बताया है कि साल 2012 से 2015 के दौरान यूएसए के अधिकांश इलाकों ने विभिन्न स्तर पर सूखे का सामना किया था। लेकिन जिन स्थानों पर खाद्य आपूर्ति विविध स्रोतों से थी वहां की खाद्य आपूर्ति सबसे अधिक अप्रभावित रही।

ऐसा लगता है कि सेवा या आपूर्ति के कई महत्वपूर्ण नेटवर्क विविधता पर निर्भर होते हैं। इसका सबसे उम्दा उदाहरण है इंटरनेट, जो अत्यधिक और परिवर्तनशील डैटा ट्रैफिक संभालता है, लेकिन हमने शायद ही कभी सुना हो कि यह पूरी तरह ठप हो गया या इसकी स्पीड गंभीर स्तर तक कम हो गई। इसका कारण यह है कि इंटरनेट कभी एक पूरे संदेश को एक निश्चित रास्ते से नहीं भेजता। यह संदेश को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटता है और हर टुकड़ा उस समय उपलब्ध सर्वोत्तम रास्ता अख्तियार करता है। इस तरह किसी संदेश को गंतव्य पर पहुंचाने के लिए विविध सर्वोत्तम मार्गों का उपयोग किया जाता है और यातायात सुचारू बना रहता है। यदि किसी मार्ग पर भीड़भाड़ है तो वैकल्पिक रास्ता अपना लिया जाता है।

एक और प्रसिद्ध उदाहरण है पारिस्थितिक तंत्र (इकोसिस्टम) की स्थिरता। विशाल जंगल सूखा, भयानक गर्मी या जाड़ा, कवक या टिड्डियों के हमले झेलते हैं। लेकिन ये ऐसी जगह हैं जहां काफी सारी विविध प्रजातियां एक साथ फलती-फूलती हैं। कीटों और जानवरों की विविधता के महत्व को स्वीकारा जा चुका है और दुनिया भर में हो रहे संरक्षण के अधिकांश प्रयास विविधता के संरक्षण के लिए किए जा रहे हैं।

किसी गैस के दिए गए आयतन के दाब की स्थिरता को गैस के अणुओं की गतियों में विविधता के परिणाम के रूप में देखा जाता है। किसी एक तापमान गतियों का एक परास होता है। लेकिन चूंकि अणुओं की संख्या बहुत ज़्यादा है, गतियों का वितरण अपरिवर्तित रहता है, और इसीलिए गैस का दाब भी स्थिर रहता है। भौतिक तंत्रों में विविधता का अध्ययन गणित की मदद से किया जाता है। इसमें अनिश्चितता के स्तर का एक पैमाना है, जिसे एन्ट्रॉपी कहा जाता है, और यह तंत्र में विविधता को दर्शाती है। वैज्ञानिक क्लॉड शैनन टेलीग्राफ तारों से भेजी जाने वाली सूचनाओं पर आकस्मिक ‘शोर’ के प्रभाव सम्बंधी शोध कार्य के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने संदेश की एक लड़ी में उपस्थित विविधता पर काम करते हुए बताया था कि संदेश में जितने विविध अक्षर होंगे उतना ही अधिक मुश्किल यह पता करना होगा कि उसमें एक अक्षर के बाद अगला अक्षर क्या होगा। इस विचार को पारिस्थितिक प्रणालियों तक विस्तारित किया गया, और विविधता को मापने का यह तरीका शैनन सूचकांक कहलाया। संयुक्त राज्य अमेरिका में खाद्य आपूर्ति शृंखला सम्बंधी काम में शोधकर्ताओं ने खाद्य नेटवर्क के लिए इसी सूचकांक की गणना की है।

अध्ययन का संदर्भ भोजन की आपूर्ति शृंखला – अनाज, सब्ज़ियों, दूध, मांस उत्पादों – पर मनुष्यों की कई आबादियों की बढ़ती निर्भरता है। शोध पत्र बताता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली मौसम की चरम घटनाओं, जिनके भविष्य में बढ़ने की अपेक्षा है, के कारण खाद्य आपूर्ति में अचानक कमी होती है – जिसके कारण बड़े शहरों के भंडार अचानक खाली हो जाते हैं। भू-राजनीतिक व नीतिगत परिवर्तन, और महामारी जैसी घटनाएं भी स्रोतों और आपूर्ति मार्गों को प्रभावित कर सकती हैं। शोध पत्र में कहा गया है कि विश्व स्तर पर अनाज भंडार पर संकट का खतरा बढ़ रहा है। चूंकि अब किसी स्थान पर खाद्य आपूर्ति के स्रोत स्थानीय की बजाय दूर-दूर तक फैले हैं, यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय भी हैं, संकट के परिणाम भी दूर-दूर तक नज़र आ सकते हैं। यह उन घटनाओं को बढ़ा देगा जो आपूर्ति को प्रभावित कर सकती हैं। अलबत्ता, आपूर्ति के स्रोतों में विविधता होने से लचीलापन मिलेगा।

उपरोक्त अध्ययन में संयुक्त राज्य अमेरिका के 284 शहरों और 45 अन्य केंद्रों में खाद्य आपूर्ति और खाद्य आपूर्ति प्रणाली – यानी फसलों के स्रोत, जीवित पशु या पशु आहार और मांस – की स्थिरता को देखा गया। खपत केंद्रों को ‘खाद्य में कमी पड़ने’ की आवृत्ति के अनुसार या खाद्य आपूर्ति किसी वर्ष में चार वर्षों के औसत से एक हद से कम (3 से 15 प्रतिशत कम) होने के आधार पर वर्गीकृत किया गया। चार वर्षों की अवधि में सैकड़ों शहरों में पड़े हज़ारों खाद्य संकटों के आधार पर टीम ने यह गणना की कि ‘कमी की तीव्रता’ की संभाविता कब एक हद से ज़्यादा हो जाएगी। इसके साथ उन्होंने यह भी आकलन किया कि शहरों के आपूर्ति के स्रोतों में विविधता कितनी है।

स्रोतों की विविधता का आकलन करने के लिए उन्होंने प्रत्येक शहर के विभिन्न तरह के खाद्य के व्यापारिक भागीदारों या पड़ोसियों, खाद्य व्यापारियों-आपूर्तिकर्ताओं को सूचीबद्ध किया। फिर इन्हें भौतिक दूरी, जलवायु सहसम्बंध, शहरी वर्गीकरण, आर्थिक विशेषज्ञता और संकुल शहर के तहत वर्गीकृत किया गया। और ‘शैनन सूचकांक’ के ज़रिए आपूर्ति स्रोतों की विविधता की गणना की गई।

विविधता में स्थिरता है

इसके बाद, विभिन्न शहरों में खाद्य आपूर्ति कमी की संभाविता और शहरों में खाद्य आपूर्ति के स्रोतों में विविधता के स्तर के बीच सम्बंध की खोज की गई। देखा गया कि आपूर्ति शृंखला में विविधता बढ़ने पर खाद्य आपूर्ति संकट की संभावना कम होती जाती है। अध्ययन कहता है कि खाद्य आपूर्तिकर्ताओं के अधिक विविधता वाले शहरों में किसी भी कारण से खाद्य आपूर्ति में कमी की संभावना कम है। ठीक वैसे ही जैसे इकोसिस्टम में विविधता उसे बाहरी झटकों के खिलाफ सुरक्षित रखती है।

दुनिया की आधी से अधिक आबादी शहरों में रहती है, और यह संख्या बढ़ रही है। इसलिए जलवायु परिवर्तन के चलते खाद्य सामग्री की आपूर्ति को प्रभावित करने वाले कारकों की सावधानीपूर्वक निगरानी की आवश्यकता है। आज कृषि उपज की खरीद और वितरण की स्थापित प्रणालियों में संशोधन और ‘दक्षता लाने’ के प्रयास नज़र आ रहे हैं। चूंकि विविधता आपूर्ति शृंखलाओं में विफलता के विरुद्ध एक शक्तिशाली निरोधक साबित होती है, इसलिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि क्या ये परिवर्तन विविधता के स्तर को प्रभावित करेंगे।

इंटरनेट, इकोसिस्टम, या सामाजिक नेटवर्क डिज़ाइन और निर्मित नहीं किए गए हैं, बल्कि वे वे धीरे-धीरे विकसित हुए हैं, और स्थिरता की दृष्टि से अत्यधिक अनुकूलित हैं। उनमें संरक्षण के लिए अतिरिक्त चीज़ें और सुरक्षा उपाय होते हैं। इनकी पहचान जानी-मानी अर्थव्यवस्था नहीं बल्कि स्थिरता है।

और यही बात आपूर्ति शृंखलाओं पर भी लागू होती है, जो कृषि वाणिज्य के सामाजिक नेटवर्क हैं। वे सदियों से शहरों, व्यापार मार्गों, उत्पादन क्षेत्रों और बाज़ारों के विकास से बने हैं। कई परिवर्तनों और सुधारों के बाद इस में तंत्र की कड़ियां टूटने, या उत्पादन या मांग में घट-बढ़, यहां तक कि फसल हानि के लिए भी कुशल और किफायती विकल्प उपलब्ध हैं। और तंत्र विकसित होने के साथ भौगोलिक, वाणिज्यिक, भंडारण, ढुलाई और व्यक्तिगत कारक जुड़ गए हैं।

तेज़ी से बदलती परिस्थितियों में खामियां आसानी से देखी जा सकती हैं। लेकिन ये बड़े-बड़े व्यापक परिवर्तनों का आधार नहीं हो सकती हैं क्योंकि कई खामियां को दूर किया जा सकता है। लेकिन एक ऐसी प्रणाली को छोड़ देना अनुचित होगा जो परस्पर निर्भर एजेंटों के एक जीवंत नेटवर्क पर आधारित है। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://www.researchgate.net/profile/Dr-Singh-98/publication/354157772/figure/fig3/AS:1061259004874761@1630035272372/Schematic-representation-of-the-inter-relationship-between-diversity-of-wild-and.png

प्रातिक्रिया दे