Y गुणसूत्र ने बहुत छकाया, अब हाथ में आया

भी ऐसा माना जाता था कि Y गुणसूत्र का पूरा अनुक्रमण करना (यानी उसमें क्षारों का क्रम पता लगाना) मुश्किल ही नहीं, नाममुकिन है। कारण यह है कि इस गुणसूत्र के डीएनए में क्षारों की ऐसी लड़ियां भरी पड़ी हैं जो बार-बार दोहराई जाती हैं और पलटकर लगी होती हैं। ऐसा होने पर डीएनए के टुकड़ों में क्षार का क्रम पता होने पर भी उन्हें जोड़कर पूरा गुणसूत्र बनाना असंभव हो जाता है। लेकिन अब नेचर में प्रकाशित दो शोध पत्रों में इस समस्या को सुलझा लिया गया है। इन दोनों टीमों ने दुनिया भर के दर्जनों पुरुषों के Y गुणसूत्र का खुलासा कर दिया है।

एक शोध पत्र में यह बताया गया है कि दोहराए जाने वाले क्षेत्र किस तरह जमे होते हैं। इस शोध पत्र में कई नए जीन्स की भी पहचान की गई है। दूसरे शोध पत्र में बताया गया है कि उक्त जमावट तथा जीन्स की संख्या को लेकर व्यक्ति-व्यक्ति में भारी अंतर होते हैं।

वैज्ञानिक मानते आए हैं कि X और Y गुणसूत्र किसी समय एक समान थे। फिर समय के साथ Y गुणसूत्र का वह हिस्सा सिकुड़ गया जिसमें जीन्स पाए जाते हैं। यह सिकुड़कर X गुणसूत्र के जीन्स वाले हिस्से का छठा हिस्सा रह गया। आज Y गुणसूत्र में X के मुकाबले मात्र आधे जीन्स ही हैं। कई शोधकर्ताओं का तो मत है कि यह क्षय जारी रहेगा और हो सकता है कि अंतत: Y गुणसूत्र पूरी तरह नदारद हो जाए। कुछ जंतु वंशों में ऐसा हुआ भी है।

छोटे आकार के बावजूद Y गुणसूत्र का अनुक्रमण टेढ़ी खीर रहा है। यहां तक कि मानव जीनोम अनुक्रमण के शुरुआती प्रयासों में तो Y गुणसूत्र के अनुक्रमण की कोशिश भी नहीं की गई थी। कुछ हद तक इसका कारण यह भी था कि Y गुणसूत्र को जीन्स का कब्रिस्तान माना जाता है जहां के सारे जीन्स अंतत: गुम हो जाएंगे। इसके अलावा दोहराने वाले हिस्सों के चलते इसे शरारती गुणसूत्र भी माना जाता है।

अंतत: एक समूह ने Y गुणसूत्र के एक खंड का अनुक्रमण किया और पाया कि यह गुणसूत्र काफी गतिमान है, इसमें जीन्स इधर-उधर फुदकते रहते हैं और एक ही क्षार अनुक्रम के कई दर्पण प्रतिबिंब उपस्थित होते हैं। ऐसा करके यह गुणसूत्र अपने चंद बचे-खुचे जीन्स को अच्छी हालत में रखता है। मार्च में नेशनल ह्यूमन जीनोम रिसर्च इंस्टीट्यूट और टीलोमेयर-टू-टीलोमेयर समूह ने पूरे मानव जीनोम का क्षार अनुक्रम प्रकाशित किया था (सिवाय Y गुणसूत्र के)। अब इसी समूह ने Y गुणसूत्र के 6.2 करोड़ क्षारों का पेचीदा क्रम प्रकाशित कर दिया है। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://media.cnn.com/api/v1/images/stellar/prod/230824122940-y-chromosome-sequenced.jpg?c=original

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