पैंगोलिन पर प्रमुख खतरा

पैंगोलिन दुनिया के इकलौते स्तनधारी जीव हैं जिनके शरीर पर सुरक्षात्मक कवच (pangolin with scales) होता है। लेकिन दुर्भाग्य से इनकी आबादी बहुत तेज़ी से कम हो रही है। इसके लिए इनकी खाल की अवैध तस्करी (illegal pangolin trade) को दोष दिया जाता है, लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि नाइजीरिया के क्रॉस रिवर जंगलों में इनकी संख्या घटने की वजह कुछ और है – इनके मांस के लिए स्थानीय लोगों द्वारा शिकार (pangolin meat hunting)।

कैम्ब्रिज युनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 3 साल तक 33 गांवों में 800 से ज़्यादा शिकारियों और व्यापारियों से बातचीत में पाया कि हर साल करीब 21,000 पैंगोलिन मारे जाते हैं। हैरानी की बात यह है कि ज़्यादातर पैंगोलिन का शिकार इरादतन नहीं होता, बल्कि खेतों में काम करते समय ये अचानक मिल जाते हैं और मारे जाते हैं या जाल में फंस जाते हैं। चिंताजनक बात यह है कि अन्य शिकारी जीवों से बचाव की पैंगोलिन की रणनीति – सिकुड़कर गोल गेंदनुमा (pangolin defense mechanism) बन जाना – मनुष्यों के लिए इन्हें पकड़ना आसान बना देती है।

इस शोध से पता चला है कि पैंगोलिन के शिकार की सबसे बड़ी वजह है उसका मांस (pangolin meat consumption)। पकड़े गए करीब तीन-चौथाई पैंगोलिन शिकारी खुद खाते हैं और बाकी को स्थानीय बाज़ारों (local wildlife markets, bushmeat in Nigeria) में बेच देते हैं। इसके उलट, उनकी खाल या तो फेंक दी जाती है या बहुत कम कीमत पर बिकती है। इसकी तुलना में मांस से तीन-चार गुना अधिक कमाई होती है।

असल में, स्थानीय इलाकों में पैंगोलिन का मांस बीफ या चिकन से भी अधिक स्वादिष्ट (pangolin meat preference over beef) माना जाता है। कुछ पारंपरिक मान्यताएं तो इसे गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद भी मानती हैं, ताकि बच्चा स्वस्थ हो। ऐसी सांस्कृतिक मान्यताओं के चलते शिकार और इन जानवरों की धीमी प्रजनन दर (pangolin reproduction rate) मिलकर इनकी संख्या दोबारा बढ़ने नहीं देती। ऊपर से, तेज़ी से हो रही जंगलों की कटाई और खेती की वजह से पैंगोलिन का प्राकृतवास खत्म (pangolin habitat loss) होता जा रहा है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस संकट से निपटने के लिए सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय नियमों से काम नहीं चलेगा, स्थानीय स्तर (community-based conservation) पर भी ठोस कदम उठाने होंगे। इनमें शामिल हैं: गांवों में मज़बूत निगरानी दल, स्थानीय रूप से लागू वन्यजीव सुरक्षा कानून, और ऐसी योजनाएं जो लोगों की जंगली जानवरों के शिकार से हासिल मांस पर निर्भरता घटाएं (wildlife protection laws) ।

प्रोफेसर एंड्रयू बामफोर्ड के अनुसार जब तक लोगों के व्यवहार का कारण (understanding local hunting behavior) नहीं समझा जाता, तब तक कोई कारगर संरक्षण योजना नहीं बन सकती। साथ ही संरक्षण के प्रयासों में सहभागिता के लिए ज़रूरी है कि स्थानीय लोग पैंगोलिन के पारिस्थितिकी महत्व को समझें (ecological role of pangolins)।

अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता डॉ. चार्ल्स एमोगोर ‘पैंगोलिनो’ (Pangolino) नामक एक स्थानीय संगठन चलाते हैं जो ऐसी ही एक पहल कर रहा है। उनका कहना है कि यदि हमने पैंगोलिन को खो दिया तो हम जैव विकास की 8 करोड़ साल पुरानी धरोहर (evolutionary significance of pangolins, pangolin extinction threat) खो देंगे। ये एकमात्र शल्कधारी स्तनधारी हैं और इनके पूर्वज डायनासौर के समकालीन थे। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/d/d5/Pangolin_brought_to_the_Range_office%2C_KMTR_AJTJ_cropped.jpg/1200px-Pangolin_brought_to_the_Range_office%2C_KMTR_AJTJ_cropped.jpg

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