उम्र के साथ मस्तिष्क में परिवर्तन

इंसानी मस्तिष्क उम्र के साथ लगातार बदलता (human brain aging) है। बचपन से बुढ़ापे तक हमारी सीखने, याद रखने, सोचने और अनुकूलन की क्षमता कई बार बदलती है। एक बड़े अध्ययन से पता चला है कि मस्तिष्क की आंतरिक ‘वायरिंग’ (brain connectivity) के विकास के चार प्रमुख पड़ाव होते हैं, जो लगभग 9, 32, 66 और 83 साल की उम्र के आसपास दिखाई देते हैं। शायद इसी वजह से बचपन में सीखना आसान लगता है, युवाओं की सोच तेज़ होती है, और उम्र बढ़ने के साथ याददाश्त और मानसिक क्षमता घटने लगती है।

इस शोध में यूके और अमेरिका के करीब 3800 लोगों (सभी गोरे और किसी तंत्रिका क्षति से रहित) के एमआरआई स्कैन का विश्लेषण (MRI brain study) किया गया – इनमें नवजात शिशु से लेकर 90 वर्ष तक के लोग शामिल थे। पहले के अध्ययनों में माना जाता था कि शरीर में उम्र बढ़ने के बड़े बदलाव 40, 60 और 80 की उम्र पर दिखते हैं, लेकिन मस्तिष्क की जटिलता के चलते इन परिवर्तनों को समझना मुश्किल है। मस्तिष्क में मूलत: दो भाग होते हैं – व्हाइट मैटर और ग्रे मैटर (white matter, grey matter)। व्हाइट मैटर मुख्य रूप से तंत्रिकाओं से बना होता है जिनसे लंबे-लंबे तंतु निकलते हैं। इन तंतुओं को एक्सॉन कहते हैं। ग्रे मैटर के अलग-अलग हिस्से व्हाइट मैटर के इन्हीं एक्सॉन के ज़रिए जुड़े होते हैं। एक्सॉन ऐसे तंतु हैं जो सूचना को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक पहुंचाते हैं। ये तंतु जितने लंबे, घने या मज़बूत होते हैं, उतना ही मस्तिष्क के हिस्से एक-दूसरे से बेहतर संवाद कर पाते हैं।

चरण 1: जन्म से 9 वर्ष – कई सारे नए कनेक्शन, लेकिन कम क्षमता

बचपन में मस्तिष्क के व्हाइट मैटर के एक्सॉन लंबे और उलझे हुए होते हैं, जिससे सूचना का प्रवाह धीमा और कम प्रभावी हो जाता है। लगता है कि मस्तिष्क धीरे-धीरे उन तंत्रिकाओं की छंटनी कर देता है जो उपयोगी नहीं हैं जबकि कुछ तंत्रिकाओं को प्राथमिकता देता है जो भाषा, गति, तर्क, और नई क्षमताएं सीखने (child brain development) में मददगार होती हैं।

चरण 2: 9 से 32 वर्ष तेज़ी, छंटाई, और सोचने की चरम क्षमता

लगभग 9 साल की उम्र के बाद स्थिति बदलने लगती है। किशोरावस्था और हार्मोनल बदलावों के प्रभाव से मस्तिष्क अपने नेटवर्क को व्यवस्थित करता है। गैर-ज़रूरी कनेक्शन हटने लगते हैं, और ज़रूरी कनेक्शन छोटे व तेज़ बन जाते हैं। इसी समय योजना बनाने, फैसले लेने, याद रखने और भावनाओं को संभालने जैसी क्षमताएं मज़बूत होती हैं। इस अवधि में संज्ञान क्षमता अपने चरम (cognitive peak performance) पर होती है।

चरण 3: 32 से 66 वर्ष – क्षमताओं में धीरे-धीरे गिरावट

30 से लेकर 60 की उम्र में बदलाव जारी तो रहता है, लेकिन बहुत धीमी गति से। कुल मिलाकर, अलग-अलग हिस्सों के बीच जानकारी पहुंचाने की क्षमता थोड़ी कम होने लगती है – यानी दिमाग के दूरस्थ हिस्सों के बीच संदेश पहुंचने में थोड़ा ज़्यादा समय लगता है। वैज्ञानिक अभी ठीक-ठीक नहीं जानते कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन इसका कारण उम्र बढ़ना, लगातार तनाव, या जीवन की जिम्मेदारियां जैसे बच्चे, नौकरी का दबाव या कम नींद हो सकते हैं (brain aging slowdown)।

चरण 4: 66 से 83 वर्ष – पास के कनेक्शन मज़बूत, दूर के कनेक्शन कमज़ोर

66 वर्ष के बाद दिमाग में एक नया पैटर्न दिखाई देता है। किसी एक हिस्से के भीतर के कनेक्शन तो ठीक रहते हैं, लेकिन दूर-दराज़ के हिस्सों के बीच के कनेक्शन कमज़ोर होने लगते हैं। यही समय स्मृतिभ्रंश (डिमेंशिया- dementia risk) के बढ़ते जोखिम से भी जुड़ा होता है। इससे संकेत मिलता है कि लंबी दूरी के कनेक्शनों की कमज़ोरी बुज़ुर्गों में शुरुआती मानसिक गिरावट में भूमिका निभा सकती है।

चरण 5: 83 से 90 वर्ष – मस्तिष्क का कुछ केंद्रों पर निर्भर होना

इस अंतिम चरण में मस्तिष्क की वायरिंग और कमज़ोर हो जाती है। पहले जहां कई हिस्से सीधे-सीधे जुड़कर जानकारी भेजते थे, वहीं अब मस्तिष्क जानकारी को कुछ चुनिंदा और महत्वपूर्ण केंद्रों के ज़रिए भेजता है। यह इस बात को दिखाता है कि उम्र बढ़ने पर दिमाग के पास संसाधन कम हो जाते हैं और वह बची हुई क्षमता के साथ काम चलाने की कोशिश करता है (brain decline in old age)।

इन मुख्य पड़ावों को समझना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि इससे पता चलता है कि मानसिक स्वास्थ्य की कई समस्याएं 25 साल से पहले क्यों उभरती हैं, और 65 के बाद डिमेंशिया का खतरा क्यों तेज़ी से बढ़ता है। साथ ही, यह जानकारी वैज्ञानिकों को ऐसी स्थितियों – जैसे शिज़ोफ्रेनिया, ऑटिज़्म या अल्ज़ाइमर (Alzheimer’s disease) – में असामान्य दिमागी पैटर्न जल्दी पकड़ने में मदद कर सकती है। अलबत्ता, शोधकर्ता मानते हैं कि इन निष्कर्षों को दुनिया भर पर लागू करने से पहले अलग-अलग,  विविध आबादियों के अध्ययन की ज़रूरत है। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://qbi.uq.edu.au/files/24323/Axon-neuron-brain-QBI.jpg

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