एआई की मदद से टेलीपैथिक बातचीत

सोचिए, कैसा हो कि आप गूगल (Google) से बिना कुछ बोले मौसम की जानकारी ले सकें या फिर कोई रिमाइंडर सेट कर सकें। हाल ही में AlterEgo नामक एक नए पहनने योग्य डिवाइस (wearable device) ने कुछ ऐसा ही दावा किया है। इसमें आप मन में ‘बोलते’ हैं और एआई (AI) उसे समझ लेता है।

AlterEgo के निर्माता और प्रमुख अर्नव कपूर ने बताया कि इसे कान (ear) पर आराम से लगाया जा सकता है। यह एलन मस्क के Neuralink के समान मस्तिष्कीय संकेतों को नहीं पकड़ता बल्कि चेहरे और गले की मांसपेशियों (facial muscles) में बोलते समय (या बिना आवाज़ निकाले होंठ हिलाने पर) बनने वाले छोटे-छोटे विद्युत संकेतों को पकड़ता है। एआई इन संकेतों को शब्दों में बदल देता है और जवाब बोन कंडक्शन हेडफोन (bone conduction headphones) के ज़रिए पहनने वाले को सुनाई देता है।

कपूर के अनुसार यह आपको टेलीपैथी (telepathy) की ताकत देता है, लेकिन सिर्फ उन्हीं विचारों के लिए जिन्हें आप साझा करना चाहते हैं।

इस उपकरण की विशेष बात यह है कि इसे लगाने के लिए किसी ऑपरेशन की ज़रूरत नहीं होती। यह बिल्कुल सुरक्षित है जो सिर्फ चेहरे और गले की नसों (nerves) से प्राप्त वाले संकेतों का इस्तेमाल करता है। इसी कारण इसे अपनाना बहुत आसान है।

यह सिस्टम 2018 में एमआईटी मीडिया लैब (MIT Media Lab) में एक भारी-भरकम प्रोटोटाइप (prototype) के रूप में शुरू हुआ था। क्योंकि उस समय एआई की स्पीच पहचान (speech recognition) तकनीक सीमित थी, इसलिए इसका इस्तेमाल सिर्फ साधारण कामों जैसे वेब सर्च करना या खाना ऑर्डर करने तक सीमित था। लेकिन अब एआई में हुई प्रगति से यह उपकरण एक आधुनिक और बाज़ार में उतरने लायक उत्पाद बन गया है।

सुविधा से परे, AlterEgo का असल फायदा स्वास्थ्य (healthcare) क्षेत्र में है। इसे ऐसे मरीज़ों पर आज़माया जा रहा है जिन्हें मोटर न्यूरॉन डिसीज़ (motor neuron disease) या मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियां हैं, जिनमें समय के साथ बोलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मरीज़ जो पूरी तरह से ‘लॉक-इन’ नहीं हैं लेकिन बोलने में संघर्ष करते हैं, उनके लिए यह उपकरण परिवार, डॉक्टर और देखभाल करने वाले के साथ संवाद का एक अहम साधन बन सकता है।

बहरहाल, विशेषज्ञ अभी सतर्क हैं। वॉशिंगटन युनिवर्सिटी (Washington University) के इंजीनियर हावर्ड चिज़ेक का मानना है कि यह तकनीक बहुत स्मार्ट (smart technology) है और प्राइवेसी के लिए अमेज़न एलेक्सा (Amazon Alexa) जैसे उपकरणों से भी सुरक्षित है जो हमेशा सुनते रहते हैं। लेकिन एक मुख्य सवाल आम लोगों तक इसकी पहुंच का है क्योंकि इसका इस्तेमाल काफी हद तक चेहरे की मांसपेशियों पर उपयोगकर्ता के नियंत्रण (user control) पर निर्भर करता है। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://iol-prod.appspot.com/image/8490944adaedd3bd06ef4a179f36ab35e7bdcfd2=w700

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