
शाकनाशक ग्लायफोसेट (glyphosate) के स्वास्थ्य पर असर को लेकर एक शोध पत्र 2000 में रेग्यूलेटरी टॉक्सिकोलॉजी एंड फार्मेकोलॉजी (Regulatory Toxicology and Pharmacology) नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ था। हाल ही में जर्नल ने इस शोध पत्र को निरस्त यानी रीट्रेक्ट (paper retraction) करने का निर्णय लिया है। निरस्त करने का कारण इस शोध पत्र के साथ जुड़े गंभीर नैतिक सरोकारों और इसके निष्कर्षों की वैधता के प्रति संदेहों को बताया गया है।
इस शोध पत्र में कहा गया था कि कीटनाशक ग्लायफोसेट (जिसे राउंड-अप के नाम से बेचा जाता है) मानव स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल असर नहीं डालता है।
दरअसल, पूरा मामला तब शुरू हुआ था जब कुछ लोगों ने मॉनसेंटो के खिलाफ मुकदमा (Monsanto lawsuit) दायर किया कि उन्हें जो कैंसर (नॉन-हाजकिन्स लिम्फोमा – non-Hodgkin lymphoma) हुआ है वह ग्लायफोसेट की वजह से हुआ है। इस मुकदमे के दौरान यह उजागर हुआ था कि 2015 में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की रिपोर्ट (IARC report) में यह निष्कर्ष दिया गया था कि संभवत: ग्लायफोसेट एक कैंसरकारी पदार्थ है। यह प्रमाण मुकदमे की सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किया जा सकता था।
मॉनसेंटो इस प्रमाण को गलत साबित करने में जुट गई। सुनवाई के दौरान सामने आया कि कंपनी ने कुछ शोधकर्ताओं से संपर्क किया था कि वे एक समीक्षा पर्चे (review paper) में यह कहें कि ग्लायफोसेट का ऐसा कोई असर नहीं होता है। कंपनी अधिकारियों के आंतरिक ईमेल वार्तालाप (internal emails) से यह साज़िश उजागर हो गई।
शोध पत्र को निरस्त करते हुए जर्नल ने कहा है कि उपरोक्त शोध पत्र के लेखकों ने मात्र उन्हीं अध्ययनों को समीक्षा में शामिल किया था जो मॉनसेंटो द्वारा किए गए थे और अप्रकाशित (unpublished studies) थे। लेखकों ने कई सारे बाहरी प्रकाशित अध्ययनों को अनदेखा कर दिया था, हालांकि वे भी समकक्ष समीक्षा (पीयर रिव्यू – peer review) आधारित जर्नल्स में प्रकाशित नहीं हुए थे।
उपरोक्त शोध पत्र के तीन लेखकों में से दो (रॉबर्ट क्रोस और इयान मनरो) का निधन हो चुका है। जर्नल ने शोध पत्र निरस्त करने से पहले तीसरे लेखक गैरी विलियम्स (Gary Williams) से संपर्क किया मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
समीक्षा पर्चे के निरस्त होने के बाद मॉनसेंटो के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे फरियादियों (plaintiffs) की राह की एक बाधा दूर हो गई है। इस समीक्षा पर्चे के आधार पर मॉनसेंटो दावा कर रहा था कि वैज्ञानिक अध्ययन ग्लायफोसेट को हानिरहित प्रमाणित करते हैं। वैसे मॉनसेंटो (अब बायर (Bayer acquisition) के स्वामित्व में) ने एक बयान में कहा है कि इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की रिपोर्ट मात्र एक रिपोर्ट है और दुनिया भर की नियामक संस्थाएं सहमत हैं कि ग्लायफोसेट का उपयोग निरापद है और यह कैंसरकारी नहीं है।
अब इतना तो स्पष्ट है कि इस समीक्षा पर्चे को कहीं भी उद्धरित (citation ban) नहीं किया जा सकेगा और इसके हवाले से ग्लायफोसेट को हानिरहित नहीं बताया जा सकेगा। लेकिन अभी भी यूएस पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी (US EPA) और युरोपियन केमिकल्स एजेंसी (European Chemicals Agency) ने अपना निर्णय बदला नहीं है। दूसरी ओर, मॉनसेंटो के प्रभाव में लिखे गए कुछ अन्य शोध पत्रों (industry-funded research) पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://www.science.org/do/10.1126/science.zccwjp8/full/_20251204_on_roundup.jpg