
यह तो जानी-मानी बात है कि अधिकांश रीढ़धारी यानी कशेरुकी जंतुओं (vertebrates) के मुंह में दांत पाए जाते हैं जो चबाने वगैरह का काम करते हैं। लेकिन एक मछली है जिसके सिर पर एक उभरा हुआ अंग टेनाक्युलम (tenaculum) होता है और उस पर दांत उगे होते हैं। इन विचित्र मछलियों को भूतहा शार्क (ghost shark) या शिमेरा मछली (chimaera fish) कहते हैं।
ऐसी ही एक शिमेरा है स्पॉटेड रैटफिश (Hydrolagus colliei)। यह उत्तर-पूर्वी प्रशांत महासागर में रहती है। लंबाई लगभग दो फुट होती है, सिर बड़ा सा होता है और एक लंबी सी पूंछ होती है।
देखा गया है कि टेनाक्युलम सभी शिमेरा मछलियों के सिर पर होता है। लेकिन टेनाक्युलम पर दांत सिर्फ नर शिमेरा में पाए जाते हैं। खास बात यह है कि नर शिमेरा में टेनाक्युलम को ऊपर उठाया जा सकता है। नर शिमेरा संभोग (mating behavior) के दौरान टेनाक्युलम पर उगे दांतों की मदद से मादा को थामकर रखते हैं। वैसे तो कई मछलियों में कूल्हों के नज़दीक ऐसे अंग (reproductive organ) होते हैं जो मादा को पकड़कर सटाए रखते हैं। गौरतलब बात है कि शिमेरा में सिर पर मौजूद टेनाक्युलम कूल्हों के अंग के अतिरिक्त होता है। लेकिन वैज्ञानिक इस बात पर विचार करते रहे हैं कि आखिर टेनाक्युलम पर दांत आए कैसे यानी जैव विकास (evolutionary origin) में इनकी उत्पत्ति कैसे हुई।
अब फ्लोरिडा विश्वविद्यालय (University of Florida) के कार्ली कोहेन और उनके साथी शोधकर्ताओं ने सिर पर उगे दांतों की उत्पत्ति का अनुमान लगा लिया है और अपने निष्कर्ष प्रोसीडिंग्स ऑफ दी नेशनल एकेडमी ऑफ साइन्सेस (PNAS) (यूएस) में प्रकाशित किए हैं। इसके लिए उन्होंने Hydrolagus colliei के विकास के विभिन्न चरणों (developmental stages) का अध्ययन किया और साथ ही उन्होंने कार्बोनिफेरस काल (Carboniferous period) में पाई जाने वाली ऐसी ही एक मछली Helodus simplex के जीवाश्मों का भी अध्ययन किया।
सबसे पहली बात तो यह पता चली कि नरों में यह उभार पहले पूरा विकसित हो चुकने के बाद ही दांत निकलते हैं। ये दांत टेनाक्युलम के अंदर से ही उगते हैं। यह भी स्पष्ट हुआ कि इस रचना का सम्बंध ऊपरी जबड़े (upper jaw) से है और दांतों का विन्यास शार्क के मुंह के दांतों (shark teeth) से मेल खाता है।
शोधकर्ताओं ने टेनाक्युलम और उस पर दांतों के विकास के लिए ज़िम्मेदार आणविक क्रियापथ (molecular pathways) और जीन्स वगैरह को भी पहचाना है। (स्रोत फीचर्स)
नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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