प्लास्टिक का भविष्य: खराब और अच्छा – किम पिकरिंग

प्लास्टिक मुख्य रूप से दो कारणों से बदनाम है: अधिकांश प्लास्टिक पेट्रोलियम से बने होते हैं और अंतत: वे पर्यावरण में कचरे के रूप में बिखरे रहते हैं।

अलबत्ता, इन दोनों समस्याओं से बचा जा सकता है। जैवपदार्थ से निर्मित और विघटन योग्य सम्मिश्र पर ध्यान दिया जाए और साथसाथ रीसायक्लिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाए तो प्रदूषण को कम किया जा सकता है और प्लास्टिक पर्यावरण में सचमुच सकारात्मक योगदान भी दे सकता है।

प्लास्टिक की बुराई

प्लास्टिक का टिकाऊपन उन्हें अत्यंत उपयोगी बनाता है। किंतु उनका यही गुण (टिकाऊपन) उन्हें धरती पर, और खासकर समुद्रों में, स्थायी (और तेज़ी से बढ़ता हुआ) बदनुमा दाग बना देता है।

यह काफी समय से पता रहा है कि थोक प्लास्टिक महासागरों को दूषित कर रहे हैं। समुद्री धाराओं के केंद्रित होने के कारण प्रशांत महासागर में कचरा एक जगह इकट्ठा होता गया है और एक तैरता प्लास्टिक द्वीप अस्तित्व में आया है ग्रेट पैसिफिक गार्बेज पैच। यह आज ग्रीनलैंड से भी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। प्लास्टिक के बड़ेबड़े टुकड़े समुद्री जीवन और समुद्री पक्षियों के लिए खतरनाक हैं। प्लास्टिक के ऐसे टुकड़े स्तनधारी जीवों और पक्षियों के पेट और आंतों में जमा हो जाते हैं और उनका गला भी घोंट सकते हैं। 

हाल ही में, खाद्य श्रृंखला में सूक्ष्मप्लास्टिक्स की सर्वव्यापी उपस्थिति होने की जानकारी ने चिंता को जन्म दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि 2050 तक समुद्र में उतना ही प्लास्टिक होगा जितनी मछलियां हैं। तो मछुआरे क्या मछली की बजाय प्लास्टिक पकड़ने समुद्र में जाएंगे?

इसके अलावा, प्लास्टिक उत्पादन वर्तमान में पेट्रोलियम पर निर्भर है। इसने स्वास्थ्य से जुड़े खतरों के मुद्दों को उठाया है, जो आम तौर पर पेट्रोलियम आधारित उत्पादों के उत्पादन, उपयोग और निपटान से जुड़े होते हैं।

भला प्लास्टिक

प्लास्टिक कई तरीकों से पर्यावरण में सकारात्मक योगदान कर सकते हैं:

भोजन की कम बर्बादी

सभी खाद्य पदार्थों के उत्पादन का एकचौथाई से एकतिहाई हिस्सा खराब होने के कारण बर्बाद हो जाता है। लेकिन प्लास्टिक पैकेजिंग के बिना, यह मात्रा और अधिक होगी और उसके कार्बन पदचिंह और ज़्यादा होंगे।

मैं कई रीसायक्लिंग समर्थकों को जानता हूं जो खराब भोजन को फेंकने से पहले सोचते नहीं हैं, जबकि इस भोजन की रोपाई, कृषि, कटाई और परिवहन में ऊर्जा खर्च हुई थी, और इसने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में योगदान दिया होगा।

हल्काफुल्का परिवहन

परिवहन (कार, ट्रेन और विमान) में प्लास्टिक का उपयोग र्इंधन की खपत को कम करेगा। हवाई यातायात में पारंपरिक मिश्रधातुओं के विकल्प के रूप में (फाइबर से पुष्ट करके) प्लास्टिक के उपयोग ने पिछले कुछ दशकों में र्इंधन दक्षता में बहुत इज़ाफा किया है।

उदाहरण के लिए, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में फाइबरयुक्त प्लास्टिक के उपयोग से र्इंधन दक्षता साधारण पारिवारिक कार के तुल्य हो गई है (तुलना प्रति व्यक्ति तय की गई दूरी के आधार पर)। वैसे, हवाई यातायात की पसंदीदा सामग्री, कार्बन फाइबर, प्लास्टिक से ही बनाया जाता है।

पर्यावरण के लिए लाभ सहित प्लास्टिक के बारे में कई अच्छी चीज़ें हैं। किंतु क्या यह संभव है कि अच्छेअच्छे को ले लें और बुरे से बच जाएं?

भविष्य का प्लास्टिक

रासायनिक रूप से प्लास्टिक लंबी श्रृंखलाएं या बड़ी क्रॉसलिंक्ड संरचनाएं हैं जो आम तौर पर कार्बन परमाणुओं के ढ़ांचे से बनी होती हैं।

जैविक स्रोतों से प्राप्त प्लास्टिक का उपयोग हम लंबे समय से कर रहे हैं जैसे चमड़ा, पशुओं की आंतें और लकड़ी। प्लास्टिक के ये रूप जटिल रासायनिक संरचनाएं हैं जिन्हें फिलहाल केवल प्रकृति में ही बनाया जा सकता है।

कुछ शुरुआती कृत्रिम प्लास्टिक केसिन (डेयरी से प्राप्त) जैसे प्राकृतिक पदार्थों से बनाए गए थे। इनका उपयोग बटन जैसी साधारण वस्तुएं बनाने में होता था। पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक का विकास हमें तेज़ी से ऐसे पदार्थों से दूर ले गया।

वैसे, पिछले दो दशकों में, जैविक स्रोतों से प्राप्त प्लास्टिक उपलब्ध हो रहा है और पेट्रोलियमआधारित प्लास्टिक का स्थान ले रहा है। इनमें पॉलिलेक्टाइड (पीएलए) जैसे स्टार्चआधारित प्लास्टिक शामिल हैं, जो मकई स्टार्च, कसावा की जड़ों या गन्ने से बनाया जाता है और पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक के समान ही प्रोसेस किया जाता है। इस तरह के प्लास्टिक का फोम बनाया जा सकता है या पेय पदार्थ की बोतलें बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

पर्यावरण पर बोझ को कम करने की दिशा में प्लास्टिक रीसायक्लिंग एक और आवश्यक कदम है। हमें स्वीकार करना होगा कि कचरा लोग फैलाते हैं, न कि प्लास्टिक खुद। अपशिष्ट संग्रह के अधिक प्रयास किए जा सकते हैं और इनाम/दंड की नीति का उपयोग भी किया जा सकता है जिसमें कचरा फैलाने को निरुत्साहित करने की व्यवस्था हो और प्लास्टिक टैक्स भी लगाया जाए, और  रीसायकल्ड प्लास्टिक को इस टैक्स से मुक्त रखा जाए।

ऐसे उत्पादों के विकास को प्रोत्साहन देना भी ज़रूरी है जिनमें उत्पाद के पूरे जीवन चक्र को ध्यान में रखा जाए। उदाहरण के लिए, युरोप में कानूनन ऑटोमोटिव उद्योग के लिए यह अनिवार्य किया गया कि किसी भी कार का कम से कम 85 प्रतिशत हिस्सा रीसायकल किया जाए। इस कानून से उद्योग में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों और डिज़ाइन पर नाटकीय प्रभाव पड़ा है।

अच्छे से अच्छे प्रयासों के बावजूद यह तो संभव नहीं होगा कि हम सारे प्लास्टिक को रीसायक्लिंग के लिए इकट्ठा कर लें। पर्यावरणीय क्षति को रोकने के लिए जैवविघटनशील  प्लास्टिक एक उपयोगी साधन हो सकता है। पीएलए (पॉलिलेक्टाइड) जैवविघटनशील है, हालांकि यह धीरेधीरे सड़ता है। अन्य विकल्प भी उपलब्ध हैं।

इससे जैवविघटनशीलता को नियंत्रित करने में अधिक शोध की आवश्यकता उजागर होती है, जिसमें विभिन्न अनुप्रयोगों को ध्यान में रखा जाए। जैवविघटनशील प्लास्टिक के जीवन के अंत में उससे निपटने के लिए आधारभूत संरचना की भी आवश्यकता है। जाहिर है, हम नहीं चाहेंगे कि हमारे विमान 20 साल की सेवा के दौरान जैवविघटित हो जाएं, लेकिन एक बार उपयोग में ली जाने वाली प्लास्टिक की बोतल को अवश्य जल्दी ही विघटित हो जाना चाहिए।

यह ज़रूरी नहीं कि हमारी पृथ्वी ज़हरीले कचरे का कूड़ादान बन जाए। अल्पावधि में, इसके लिए सरकार को जैविक स्रोतों से प्राप्त, रीसायकल करने योग्य और जैवविघटनशील प्लास्टिक को प्रोत्साहन प्रदान करना होगा ताकि वे पेट्रोलियम आधारित उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा कर पाएं।

सुधार के कुछ संकेत नज़र आ रहे हैं: प्लास्टिक द्वारा होने वाली हानि के बारे में जागरूकता बढ़ रही है और उपभोक्ताओं में प्लास्टिक बैग के लिए भुगतान करने या प्रतिबंध को स्वीकार करने की तैयारी दिख रही है। हमें अपने पिछवाड़े में डंपिंग को रोकना होगा। याद रखें, पर्यावरण वह जगह है जहां हम रहते हैं। इसे नजरअंदाज करके हम संकट मोल ले रहे हैं। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।

फोटो क्रेडिट : phys.org

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