नया कोरोनावायरस और सामान्य फ्लू

या कोरोनावायरस कुछ समय से विश्व भर में सुर्खियों में छाया है, लेकिन एक ऐसा वायरस संक्रमण भी है जो कई देशों में फैला हुआ है जिसे हम मौसमी फ्लू कहते हैं। तो इनकी तुलना करना उपयोगी होगा।

इस नए कोरोनावायरस को अब नाम मिल गया है – COVID-19। इससे अब तक चीन में 427 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 20,000 लोग बीमार हैं। लेकिन यह संख्या मौसमी फ्लू की तुलना में कुछ भी नहीं है। यूएस के सेंटर्स फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार अमेरिका में इस मौसम में फ्लू के कारण 10,000 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 2 करोड़ लोग इससे संक्रमित हुए हैं। इनमें से 1.8 लाख लोग इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किए गए हैं। 

वैज्ञानिक कई दशकों से मौसमी फ्लू का अध्ययन कर रहे हैं, इसलिए इसके बारे में काफी जानकारी है और हम यह तय कर पाते हैं कि आने वाले मौसम में हमें क्या करना है। लेकिन इसके विपरीत COVID-19 एक नए प्रकार का वायरस है। वैज्ञानिक COVID-19 को अच्छी तरह से जानने और समझने की कोशिश कर रहे हैं। उपलब्ध जानकारी के आधार पर नए कोरोनावायरस की तुलना फ्लू से की गई है।    

दोनों ही प्रकार के वायरस संक्रामक हैं जो श्वसन सम्बंधी बीमारी को जन्म देते हैं। साधारण फ्लू के लक्षण बुखार, खांसी, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, बंद नाक, थकान और कभी-कभी उल्टी और अतिसार वगैरह होते हैं। वैसे तो फ्लू से ग्रस्त अधिकांश लोग दो सप्ताह से भी कम समय में ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ लोगों में फ्लू निमोनिया का रूप लेकर काफी जटिल हो जाता है।

COVID-19 के लक्षणों और गंभीरता को समझने की कोशिश जारी है। चूंकि इसके अधिकतर लक्षण मौसमी फ्लू से मिलते-जुलते हैं, इसको विभिन्न श्वसन सम्बंधी वायरसों से अलग करना काफी मुश्किल है। 100 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण पाए गए थे। केवल 5 प्रतिशत लोगों में गले की खराश और बंद नाक के लक्षण पाए गए, 1-2 प्रतिशत लोगों में अतिसार और उल्टी जैसे लक्षण पाए गए। WHO के अनुसार चीन में 20,000 दर्ज मामलों में से 14 प्रतिशत लोगों की स्थिति को गंभीर माना गया है।        

सीडीसी के अनुसार अमेरिका में इस वर्ष फ्लू ग्रस्त लोगों में से 0.05 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है। जबकि COVID-19 के कारण मृत्यु दर अभी भी स्पष्ट नहीं है, फिर भी फ्लू की तुलना में यह अधिक प्रतीत होती है। इसकी शुरुआत से लेकर अब तक के आंकड़ों के अनुसार लगभग 2 प्रतिशत की मृत्यु दर दर्ज की गई है। 

वायरस फैलने की तेज़ी को मापने के लिए वैज्ञानिक यह देखते हैं कि औसतन कोई व्यक्ति कितनों को संक्रमित करता है। दी न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार फ्लू के लिए यह संख्या 1.3 है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के अनुसार COVID-19 के लिए यह संख्या 2.2 है (यानि एक संक्रमित व्यक्ति से 2.2 लोगों में यह वायरस फैलता है)।   फिलहाल श्वसन सम्बंधी वायरस से बचने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं: पानी और साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोना, बिना धुले हाथों से नाक और आंखों को छूने से बचना, जो लोग बीमार हैं उनसे निकट संपर्क से बचना। इसके अलावा बीमार होने पर घर पर रहना तथा अक्सर उपयोग होने वाली चीज़ों को साफ रखना भी महत्वपूर्ण है। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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