विज्ञान/प्रौद्योगिकी के राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सम्मान – मनीष श्रीवास्तव

क नोबेल पुरस्कार को छोड़ दें, तो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्राप्त होने वाले सम्मानों की चर्चा कम ही होती है। इस वजह से कई बार युवाओं की रुचि इस क्षेत्र में कम हो जाती है। आइए कुछ सम्मानों/पुरस्कारों पर नज़र डालते हैं।

राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय सम्मान

मध्यप्रदेश सरकार विज्ञान और प्रौद्यागिकी में उत्कृष्ट काम के लिए राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान करती है। सन 1982 में स्थापित ये पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर आधारभूत विज्ञान, तकनीकी विकास और इंजीनियरिंग हेतु जवाहर लाल नेहरू तथा राज्य स्तर पर अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी में योगदान के लिए डॉ. कैलाश नाथ काटजू तथा डॉ. लज्जा शंकर झा, समाज विज्ञान में योगदान हेतु डॉ. हरिसिंह गौर के नाम पर प्रदान किए जाते हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों हेतु हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (28 फरवरी) के अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करती है।

इन पुरस्कारों का उद्देश्य विज्ञान को लोकप्रिय बनाने, आमजन में वैज्ञानिक अभिरुचि जगाने तथा संचार क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों और संस्थाओं को प्रोत्साहित करने तथा उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों को वित्तीय रूप से सहयोग देना होता है। इसके अंतर्गत निम्न श्रेणियों में सम्मान दिया जाता है: 

1. प्रिंट मीडिया के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार।

2. बच्चों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाना।

3. लोकप्रिय विज्ञान और प्रौद्योगिकी साहित्य का अनुवाद।

4. नवीन और पारंपरिक तरीकों से विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार।

5. इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार।

विज्ञान फिल्म महोत्सव पुरस्कार

विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अब प्रिंट माध्यम के अलावा कई अन्य माध्यमों से प्रचारित किया जाता है। इसी श्रेणी में इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के अंतर्गत फिल्में आती हैं। आजकल डॉक्यूमेंट्री तथा लघु फिल्मों के माध्यम से बड़े पैमाने पर यह कार्य किया जा रहा है। भारत सरकार की संस्था ‘विज्ञान प्रसार’ द्वारा प्रति वर्ष विज्ञान फिल्मों को लेकर एक राष्ट्रीय महोत्सव आयोजित किया जाता है और विविध श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। इसके अंतर्गत डॉक्यूमेंट्री, डॉक्यू-ड्रामा और साइंस फिक्शन फिल्मों की श्रेणियां होती हैं।

विज्ञान परिषद

देश में वैज्ञानिक चेतना के प्रचार-प्रसार हेतु 1913 में स्थापित सबसे पुरानी संस्था विज्ञान परिषद, प्रयाग 100 सालों से भी अधिक समय से विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रही है। संस्था द्वारा अपने कामों को आमजन तक पहुंचाने और विज्ञान जागरूकता लाने के लिए विज्ञान नामक मासिक पत्रिका का भी प्रकाशन किया जाता है। इसी क्रम में परिषद द्वारा कई पुरस्कारों की भी स्थापना की गई है। परिषद द्वारा हर साल विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत शताब्दी सम्मान, लेखन-संपादन सम्मान, विज्ञान वाचस्पति सम्मान, डॉ. गोरख प्रसाद विज्ञान लेखन पुरस्कार, व्हिटेकर विज्ञान लेखन पुरस्कार, डॉ. रत्नकुमारी स्मृति पदक, प्रवीण शर्मा स्मृति सूचना प्रौद्योगिकी पुरस्कार, विज्ञान रत्न लक्ष्मण प्रसाद आविष्कार लेखन पुरस्कार, तुरशन पाल पाठक स्मृति बाल विज्ञान लेखन पुरस्कार, देवेन्द्र पाल वार्ष्णेय कृषि विज्ञान लेखन पुरस्कार, मोहम्मद खलील बाल विज्ञान लेखन पुरस्कार आदि प्रदान किए जाते हैं।

भारतीय विज्ञान कांग्रेस

कलकत्ता स्थित भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था द्वारा सन 1965 से ही श्रेष्ठ भारतीय वैज्ञानिकों को सम्मानित किया जा रहा है। विविध प्रभागों के अंतर्गत ये पुरस्कार शतवार्षिक, स्मारक और व्याख्यान श्रेणी में दिए जाते हैं। विशेष रूप से युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने हेतु इसमें 32 साल तक के युवा वैज्ञानिकों को ही अवसर प्रदान किया जाता है।

शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश के सर्वोच्च सम्मानों में गिना जाने वाला पुरस्कार है शांति स्वरूप भटनागर सम्मान। विज्ञान के क्षेत्र में सर्वोच्च संस्था वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा उल्लेखनीय एवं असाधारण अनुसंधान के लिए विभिन्न विषयों में ये सम्मान प्रदान किए जाते हैं। पुरस्कार का उद्देश्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय एवं असाधारण भारतीय प्रतिभा को सम्मानित करना रहता है। सीएसआईआर के संस्थापक निदेशक सर शांति स्वरूप भटनागर की स्मृति में ये पुरस्कार सन 1958 से प्रदान किए जा रहे हैं।

घनश्याम दास बिड़ला वैज्ञानिक शोध पुरस्कार

गैर-सरकारी स्तर पर देश के सबसे बड़े फाउंडेशन में से एक के. के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा घनश्याम दास बिड़ला की स्मृति में वैज्ञानिक शोधों के लिए पुरस्कार दिया जाता है। इसकी स्थापना सन 1991 में की गई थी। भारत में ही उत्कृष्ट शोध करने वालों को ये पुरस्कार वार्षिक रूप से प्रदान किए जाते हैं।

कलिंग पुरस्कार

विज्ञान संचार के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिए जाने वाले पुरस्कारों में सर्वाधिक लोकप्रिय पुरस्कारों में से एक है कलिंग पुरस्कार। यह पुरस्कार उड़ीसा सरकार द्वारा युनेस्को को 1952 में उपलब्ध कराई गई एक बड़ी धनराशि से स्थापित कलिंग फाउण्डेशन ट्रस्ट द्वारा दिया जाता है। इसमें एक नया बिंदु जोड़ते हुए विजेता को अब रुचिराम साहनी पीठ भी प्रदान की जाने लगी है। हर दो वर्ष में यह पुरस्कार विश्व विज्ञान दिवस (10 नवंबर) के अवसर पर दिया जाता है।

ब्रेकथ्रू पुरस्कार

ब्रेकथ्रू सम्मान गूगल के सह संस्थापक सर्गेई ब्रिन, फेसबुक के सी.ई.ओ. मार्क जुकरबर्ग सहित कुछ अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा साझा रूप से प्रदान किया जाता है। गणित (4 वर्ष में एक बार), भौतिकी (प्रति वर्ष) और लाइफ साइंस (प्रति वर्ष) के क्षेत्र में दुनिया भर में श्रेष्ठ काम करने वाले वैज्ञानिकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इसे ‘विज्ञान का आॅस्कर’ नाम से भी जाना जाता है।

नोबेल पुरस्कार

विज्ञान में अप्रतिम योगदान के लिए दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार को कौन नहीं जानता। सन 1901 से दिए जा रहे इन पुरस्कारों की स्थापना डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा की गई थी। आज यह सम्मान उनकी स्मृति में निर्मित नोबेल फाउण्डेशन द्वारा दिए जाते हैं।

इन पुरस्कारों द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्य करने वाले खोजियों, संचारकों और शोधार्थियों को सम्मानों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है। उम्मीद है इन सम्मानों के बारे में जानकर और अधिक युवा विज्ञान और प्रौद्योगिकी की ओर अग्रसर होंगे। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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