गर्मी में गर्म पेय ठंडक पहुंचा सकते हैं!

र्मी का मौसम आते ही गन्ने का रस, जलज़ीरा, नींबू पानी जैसे ठंडे पेय की दुकानें सज जाती है। ठंडे पेय लोगों को गर्मी से राहत देते हैं। किंतु कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है कि गर्म पेय भी गर्मियों में ठंडक पहुंचा सकते हैं। अब तक वैज्ञानिकों को इस पर संदेह रहा है क्योंकि गर्म चीज़ें पीकर तो आप शरीर को ऊष्मा दे रहे हैं। लेकिन हाल ही में हुआ एक अध्ययन बताता है कि गर्मियों में कुछ विशेष परिस्थितियों में गर्म पेय वाकई आपको ठंडक दे सकते हैं।

होता यह है कि गर्म पेय पीने से हमारे शरीर की ऊष्मा में इज़ाफा होता है, जिससे हमें पसीना अधिक आता है। जब यह पसीना वाष्पीकृत होता है तो पसीने के साथ हमारे शरीर की ऊष्मा भी हवा में बिखर जाती है, जिसके परिणामस्वरूप हमारे शरीर की ऊष्मा में कमी आती है और हमें ठंडक महसूस होती है। शरीर की ऊष्मा में आई यह कमी उस ऊष्मा से अधिक होती है जितनी गर्म पेय पीने के कारण बढ़ी थी।

यह हो सकता है कि पसीना आना हमें अच्छा न लगता हो, लेकिन पसीना शरीर के लिए अच्छी बात है। ठंडक पहुंचाने में अधिक पसीना आना और उसका वाष्पन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पसीना जितना अधिक आएगा, उतनी अधिक ठंडक देगा लेकिन उस पसीने का वाष्पन ज़रूरी है।

यदि हम किसी ऐसी जगह पर हैं जहां नमी या उमस बहुत है, या किसी ने बहुत सारे कपड़े पहने हैं, या इतना अधिक पसीना आए कि वह चूने लगे और वाष्पीकृत न हो पाए, तो फिर गर्म पेय पीना घाटे का सौदा साबित होगा। क्योंकि वास्तव में तो गर्म पेय शरीर में गर्मी बढ़ाते हैं। इसलिए इन स्थितियों में जहां पसीना वाष्पीकृत न हो पाए, ठंडे पेय पीना ही राहत देगा।

गर्म पेय का सेवन ठंडक क्यों पहुंचाता है, यह जानने के लिए ओटावा विश्वविद्यालय के स्कूल फॉर ह्यूमन काइनेटिक्स के ओली जे और उनके साथियों ने प्रयोगशाला में सायकल चालकों पर अध्ययन किया। प्रत्येक सायकल चालक की त्वचा पर तापमान संवेदी यंत्र लगाए और शरीर के द्वारा उपयोग की गई ऑक्सीजन और बनाई गई कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को नापने के लिए एक माउथपीस भी लगाया। ऑक्सीजन और कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बताती है कि शरीर के चयापचय में कितनी ऊष्मा बनी। साथ ही उन्होंने हवा के तापमान और आर्द्रता के साथ-साथ अन्य कारकों की भी बारीकी से जांच की। इस तरह एकत्रित जानकारी की मदद से उन्होंने पता किया कि प्रत्येक सायकल चालक ने कुल कितनी ऊष्मा पैदा की और पर्यावरण में कितनी ऊष्मा स्थानांतरित की। देखा गया कि गर्म पानी (लगभग 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर) पीने वाले सायकल चालकों के शरीर में अन्य के मुकाबले में कम ऊष्मा थी।

वैसे यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि गर्म पेय शरीर को अधिक पसीना पैदा करने के लिए क्यों उकसाते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं का अनुमान है कि ऐसा करने में गले और मुंह में मौजूद ताप संवेदकों की भूमिका होगी। इस पर आगे अध्ययन की ज़रूरत है।

फिलहाल शोधकर्ताओं की सलाह के अनुसार यदि आप नमी वाले इलाकों में हैं तो गर्मी में गर्म पानी न पिएं। लेकिन सूखे रेगिस्तानी इलाकों के गर्म दिनों में गर्म चाय की चुस्की ठंडक पहुंचा सकती है। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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