सज़ायाफ्ता की रिहाई के लिए वैज्ञानिकों की गुहार

विश्व के लगभग नब्बे वैज्ञानिकों और चिकित्सकों ने मिलकर नए साक्ष्यों के आधार पर बाल हत्याओं की दोषी सज़ायाफ्ता कैथलीन फोलबिग को क्षमा करने के लिए अर्जी दी है। नए वैज्ञानिक साक्ष्य बताते हैं कि उनके बच्चों की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई थी।

दरअसल मामला 53 वर्षीय कैथलीन फोलबिग का है जिनके चार बच्चों की मृत्यु वर्ष 1989 से 1999 के दौरान हुई थी। वर्ष 2003 में उन्हें इन मौतों का दोषी ठहराया गया था और 30 साल के कारावास की सज़ा सुनाई गई थी। फोलबिग अब तक 18 वर्ष की सज़ा काट चुकी हैं।

लेकिन फोलबिग को मोटे तौर पर परिस्थितिजन्य साक्ष्यों (उनकी डायरी) के आधार पर दोषी ठहराया गया था। जब लॉरा उनके गर्भ में थी तब 1 जनवरी, 1997 को फोलबिग ने अपनी डायरी में लिखा था: ‘यह साल बीत गया, और नया साल आने वाला है। मुझे बच्चा होने वाला है। इसका मतलब हम दोनों को ज़िंदगी में कई बड़े समझौते करने पड़ेंगे, लेकिन मुझे यकीन है कि सब ठीक ही होगा। इस बार मैंने किसी से मदद मांगी है, इस बार सब कुछ मैं अकेले करने की कोशिश नहीं करूंगी। मुझे पता है कि मेरे सारे तनावों का मुख्य कारण यही है और तनाव के कारण मैं कई बार भयानक कर गुज़रती हूं…।’ डायरी का एक अन्य अंश: ‘मुझे लगता है कि मैं इस धरती पर सबसे बुरी मां हूं। मुझे डर लगता है कि वह भी मुझे सारा की तरह छोड़कर चली जाएगी। मैं जानती हूं कि मुझे गुस्सा बहुत जल्दी आता है। कभी-कभी मैंने उसके साथ बुरा और क्रूर बर्ताव किया, आखिर वह हमको छोड़कर चली गई। थोड़ी मदद के ज़रिए।’

फोलबिग द्वारा बच्चों की मृत्यु के दौरान लिखी यह डायरी पढ़ने के बाद फोलबिग के पति ने उन पर हत्या का आरोप लगाया था। और इन्हीं अंशों के आधार पर उन्हें सज़ा सुनाई गई थी। लेकिन फोलबिग का कहना था कि डायरी में उल्लेखित ‘मदद’ से उनका आशय भगवान या किसी दैवीय शक्ति से था।

इसके बाद इस मामले में महत्वपूर्ण नए चिकित्सा साक्ष्य पता चले जो बताते हैं कि फोलबिग के कम से कम दो बच्चों, सारा और लॉरा, की मृत्यु प्राकृतिक कारण (हृदय गति रुकने) से हुई थी। और अन्य दो बच्चों की मृत्यु में भी आनुवंशिक कारण होने की संभावना दिखाई दे रही है।

सारा और लॉरा के डीएनए का आनुवंशिक अनुक्रमण करने पर पाया गया कि दोनों शिशुओं को अपनी मां से विरासत में एक आनुवंशिक उत्परिवर्तन CALM2 मिला था। यह ज्ञात है कि CALM2 जीन के उत्परिवर्तन के कारण अचानक हृदय गति रुक सकती है और मृत्यु हो सकती है। CALM2 जीन में उत्परिवर्तन शिशुओं और वयस्कों में जागते या सोते समय अचानक मृत्यु के लिए ज़िम्मेदार प्रमुख कारणों में से एक है। यदि इस उत्परिवर्तन के साथ कोई अन्य संक्रमण पनप रहा हो या स्यूडोएफेड्रिन जैसी दवाएं दी जा रही हों तो यह उत्परिवर्तन कार्डिएक एरिद्मिया (असामान्य हृदय गति) की स्थिति पैदा कर सकता है।

इसके अलावा अन्य अध्ययन भी यह संभावना जताते हैं कि फोलबिग के दो बेटों की मृत्यु भी भिन्न आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण से हुई होगी। इस तरह वैज्ञानिक साक्ष्य फोलबिग के चारों बच्चों की मृत्यु के पीछे प्राकृतिक कारण दर्शाते हैं।

पूर्व में फोलबिग के लिए लड़ने वाली बैरिस्टर रैनी रेगो कहती हैं कि हमारा कानूनी तंत्र न्याय करने में गलतियां भी करता है। जब बच्चों की हत्या जैसे अपराध के लिए गंभीर सज़ा की बात आती है तो चिकित्सकीय साक्ष्यों को परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से ऊपर रखना चाहिए। और इसलिए इन्हीं नए वैज्ञानिक साक्ष्यों को प्रकाश में लाने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता पीटर डोहर्टी, नोबेल पुरस्कार विजेता एलिज़ाबेथ ब्लैकबर्न और पूर्व ऑस्ट्रेलियन ऑफ दी ईयर फियोना स्टेनली समेत विश्व के कई जाने-माने वैज्ञानिकों और चिकित्सकों ने याचिका दायर की है। यदि इस याचिका पर गौर नहीं किया जाता है तो यह फोलबिग के मूलभूत मानवाधिकारों का हनन होगा और यह मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की व्यक्तिपरक व्याख्याओं को वरीयता देने और चिकित्सकीय-वैज्ञानिक सबूतों की अनदेखी की मिसाल बन जाएगा।

फोलबिग को क्षमा करने का निर्णय अब वहां के राज्यपाल का है। यदि फोलबिग को माफी मिल भी जाती है, तो भी वह अपने आप अपने बच्चों की हत्या के आरोप से दोषमुक्त नहीं होंगी। इसके लिए उन्हें अदालत में गुहार लगानी ही पड़ेगी। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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