इम्यून-बूस्टर पूरकों का सच

कोविड-19 के दौर में प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने के लिए पूरक और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी गई। कई लोगों ने शारीरिक दूरी, मास्क के उपयोग और टीकाकरण के अलावा विशेष पूरक तत्वों का उपयोग किया जबकि कुछ लोग तो मात्र प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने के ही सहारे रहे। बाज़ार में भी कई ऐसे उत्पादों की बाढ़ आई जिन्होंने प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने का दावा किया।

इन पूरक तत्वों में ज़िंक और विटामिन सी तथा डी को विशेष महत्व दिया गया। विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह के प्रयासों से संक्रमण रुकने की संभावना तो नहीं है लेकिन ये प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए मददगार हो सकते हैं। फिर भी संतुलित भोजन, व्यायाम और पर्याप्त नींद लेने वाले व्यक्ति के लिए ये पूरक तत्व कोई खास उपयोगी नहीं हैं। ये उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकते हैं जिनमें इन तत्वों की कमी है। यदि कोई व्यक्ति अपनी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त विटामिन या खनिज तत्वों का सेवन करता है तो इसमें कोई हानि नहीं है बशर्ते कि इनकी मात्रा दैनिक अनुशंसित खुराक से अधिक न हो। अधिक मात्रा में इनका सेवन घातक हो सकता है। इसके अतिरिक्त अन्य दवाओं के साथ परस्पर क्रिया की भी संभावना होती है।

तो चलिए देखते हैं कि संक्रमण को दूर करने के लिए आम तौर पर अपनाए जाने वाले प्रचलित तरीकों के बारे में विज्ञान क्या कहता है।

ज़िंक (जस्ता)

निसंदेह, प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए ज़िंक ज़रूरी है। यह टी-कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है जो बैक्टीरिया और वायरस से संक्रमित कोशिकाओं की पहचान कर उनको नष्ट करती हैं। यह श्वसन मार्ग की कोशिकाओं के कामकाज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो हमारे शरीर की प्रतिरक्षा की पहली पंक्ति हैं। कुछ अध्ययन बताते हैं कि सामान्य सर्दी-जुकाम के शुरुआती 24 घंटे के भीतर ज़िंक पूरक लिया जाए तो बीमारी की अवधि को कम किया जा सकता है। एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि ज़िंक के इस्तेमाल से जुकाम की अवधि दो दिन कम की जा सकती है।

गौरतलब है कि ज़िंक को गंभीर कोविड-19 के विरुद्ध एक रक्षक के रूप में प्रचारित किया था लेकिन यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के विशेषज्ञों ने अपर्याप्त प्रमाण के कारण इसे उपचार के रूप में स्वीकार नहीं किया। फ्रेड हच कैंसर रिसर्च सेंटर के प्रतिरक्षा विज्ञानी जैरोड डुडाकोव के अनुसार ज़िंक पूरक वायरल या बैक्टीरिया संक्रमण रोकने में सक्षम नहीं हैं। कम समय के लिए ज़िंक पूरक लेने से कोई हानि तो नहीं है लेकिन फायदे भी नहीं हैं। मांस, सीफूड, फलियां, दालें, गिरियां, बीज और साबुत अनाज ज़िंक के उम्दा स्रोत हैं। हां, ज़िंक की कमी वाले लोगों के लिए ज़िंक पूरक उपयोगी हो सकते हैं।

पुरुषों के लिए प्रतिदिन 11 मिलीग्राम और महिलाओं के लिए प्रतिदिन 8 मिलीग्राम ज़िंक अनुशंसित है। शोधकर्ताओं के अनुसार लंबे समय तक ज़िंक पूरक लेने से शरीर में तांबे की कमी हो सकती है जिससे तंत्रिका और रक्त सम्बंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। उच्च मात्रा में सेवन से मितली, उल्टी और सिरदर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

विटामिन सी

ज़िंक की तरह विटामिन सी भी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह न्यूट्रोफिल नामक श्वेत रक्त कोशिकाओं को गतिशील करता है जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। इसके अलावा यह मैक्रोफेज नामक अन्य श्वेत रक्त कोशिकाओं को भी पुष्ट करता है जो रोगजनकों को निगलती हैं और मृत मेज़बान कोशिकाओं को हटाकर सूजन को कम करती हैं।

कई जंतु अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन सी बैक्टीरिया और वायरल संक्रमणों को रोकने में तो सक्षम है लेकिन मानव आबादी में सामान्य सर्दी-जुकाम के प्रकोप को कम नहीं करता है। वैसे ज़िंक की तरह विटामिन सी भी रोग की अवधि को कम करता है। गौरतलब है कि कोविड-19 के मामले में एनआईएच ने अपर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर विटामिन सी के उपयोग को उपचार के रूप में स्वीकार नहीं किया था। फिर भी कुछ अध्ययनों के अनुसार गंभीर रूप से बीमार रोगियों में सूजन को कम करने में विटामिन सी की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।       

एक पूरक के तौर पर विटामिन सी मनुष्यों में वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण रोकने के सक्षम नहीं है। बहरहाल, अन्य विटामिन और खनिज पदार्थों की तरह यह भी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए उपयोगी है। लेकिन विशेषज्ञ संतुलित पौष्टिक आहार की सलाह देते हैं और पूरक आहार का सुझाव तब ही देते हैं जब कोई व्यक्ति इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने में असमर्थ हो या फिर शरीर में इसकी कमी हो। पुरुषों के लिए प्रतिदिन 90 मिलीग्राम और महिलाओं के लिए प्रतिदिन 75 मिलीग्राम विटामिन सी अनुशंसित है। इससे अधिक सेवन से पथरी हो सकती है।            

विटामिन डी

विटामिन सी के समान विटामिन डी में भी सूजन-रोधी गुण होते हैं। विटामिन डी की कमी हो तो सर्दी-जुकाम का जोखिम रहता है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार विटामिन डी पूरक सामान्य सर्दी जुकाम की अवधि और गंभीरता को कम कर सकता है। अलबत्ता, कोविड-19 के संदर्भ में विटामिन डी की भूमिका स्पष्ट नहीं है।

अक्टूबर 2021 में किए गए विश्लेषण के अनुसार शरीर में अपर्याप्त विटामिन डी ने लोगों में कोविड-19 के प्रति अधिक संवेदनशीलता या संक्रमण से उनकी मृत्यु की संभावना में कोई वृद्धि नहीं की थी। इसके अलावा विटामिन डी पूरकों से गंभीर लक्षणों वाले कोविड-19 रोगियों में भी कोई सुधार नहीं देखा गया।

सच तो यह है कि हमारे पास प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने की कोई जादुई गोली नहीं है। इसके अलावा एक बड़ी समस्या यह है कि लोगों को यह नहीं पता होता कि उन्हें कौन से विटामिन या खनिजों की कमी है और किस हद तक है। विटामिन डी और बी-12 का पता लगाने के तो काफी अच्छे नैदानिक परीक्षण हैं लेकिन अधिकांश पोषक तत्वों को मापना काफी कठिन है। समाधान यही है कि हमें विभिन्न प्रकार के पौष्टिक खाद्य पदार्थों का संतुलित सेवन करना चाहिए और ये सबको मिलना चाहिए। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://www.hopkinsmedicine.org/sebin/l/s/July%2015%20Image%20for%20Story%202_4_pyramid.jpg

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