सबसे नीरस संख्या

णितज्ञों को कई संख्याएं बहुत दिलचस्प लगती हैं जबकि कुछ संख्याएं नीरस लगती हैं। तो यह देखना दिलचस्प होगा कि गणितज्ञों को संख्याएं क्यों सरस और नीरस लगती हैं।

जैसे, पसंदीदा संख्या पूछे जाने पर गणित का कोई विद्यार्थी शायद पाई (π), या यूलर्स संख्या (e) या 2 का वर्गमूल कहे। लेकिन एक आम व्यक्ति के लिए कई अन्य संख्याएं दिलचस्प हो सकती हैं। जैसे सात समंदर, सातवां आसमान, सप्तर्षि में आया सात। तेरह को बदनसीब संख्या मानना उसे दिलचस्प बना देगा। चतुर्भुज में चार, या पंचामृत के चलते पांच को लोकप्रिय कहा जा सकता है।

इस संदर्भ में एक किस्सा मशहूर है। प्रसिद्ध गणितज्ञ गॉडफ्रे हैरॉल्ड हार्डी का ख्याल था कि 1729 एक नीरस संख्या है। वे इसी नंबर की टैक्सी में बैठकर अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे अपने गणितज्ञ साथी श्रीनिवास रामानुजन से मिलने पहंुचे और उन्हें बताया कि वे एक नीरस नंबर की टैक्सी में आए हैं। रामानुजन ने तत्काल इस बात खंडन करते हुए कहा था, “यह तो निहायत दिलचस्प संख्या है; यह वह सबसे छोटी संख्या है जिसे दो संख्याओं के घन के योग से दो तरह से व्यक्त किया जा सकता है (1729 = 123 + 13 = 103 + 93)।”

है ना मज़ेदार – 1729 जैसी संख्या भी दिलचस्प निकली। तो सवाल यह उठता है कि क्या कोई ऐसी संख्या है, जिसमें कोई दिलचस्प गुण न हो। लेकिन गणितज्ञों ने ऐसा तरीका खोज निकाला है जिसकी मदद से किसी भी संख्या के दिलचस्प गुणों का निर्धारण किया जा सकता है। और 2009 में किए गए अनुसंधान से पता चला कि प्राकृत संख्याओं (धनात्मक पूर्ण संख्याओं) को तो स्पष्ट समूहों में बांटा जा सकता है – रोमांचक और नीरस।

संख्या अनुक्रमों का एक विशाल विश्वकोश इन दो समूहों की तहकीकात को संभव बनाता है। गणितज्ञ नील स्लोअन के मन में ऐसे विश्वकोश का विचार 1963 में आया था। वे अपना शोध प्रबंध लिख रहे थे और उन्हें ट्री नेटवर्क नामक ग्राफ में विभिन्न मानों का कद नापना होता था। इस दौरान उनका सामना संख्याओं की एक शृंखला से हुआ – 0, 1, 8, 78, 944….। उस समय उन्हें पता नहीं था कि इस शृंखला की संख्याओं की गणना कैसे करें और वे तलाश रहे थे कि क्या उनके किसी साथी ने ऐसी शृंखला देखी है। लेकिन लॉगरिद्म या सूत्रों के समान संख्याओं की शृंखला की कोई रजिस्ट्री मौजूद नहीं थी। तो 10 वर्ष बाद स्लोअन ने पहला विश्वकोश प्रकाशित किया – ए हैण्डबुक ऑफ इंटीजर सिक्वेंसेस। इसमें लगभग 2400 शृंखलाएं थीं और गणित जगत में इसका भरपूर स्वागत किया गया।

आने वाले वर्षों में स्लोअन को कई शृंखलाएं प्रस्तुत की गईं और संख्या शृंखलाओं को लेकर कई शोध पत्र प्रकाशित हुए। इससे प्रेरित होकर स्लोअन ने अपने साथी साइमन प्लाउफ के साथ मिलकर 1995 में दी एनसायक्लोपीडिया ऑफ इंटीजर सिक्वेंसेस प्रकाशित किया। इसका विस्तार होता रहा और फिर इंटरनेट ने आंकड़ों की इस बाढ़ को संभालना संभव बना दिया।

1996 में ऑनलाइन एनसायक्लोपीडिया ऑफ इंटीजर सिक्वेंसेस सामने आया जिसमें शृंखलाओं की संख्या को लेकर कोई पाबंदी नहीं थी। मार्च 2023 तक इसमें 3 लाख 60 हज़ार प्रविष्टियां थीं। इसमें कोई व्यक्ति अपनी शृंखला प्रस्तुत कर सकता है; उसे सिर्फ यह समझाना होगा कि वह शृंखला कैसे उत्पन्न हुई और उसमें दिलचस्प बात क्या है। यदि इन मापदंडों पर खरी उतरी तो उसे प्रकाशित कर दिया जाता है।

इस एनसायक्लोपीडिया में कुछ तो स्वत:स्पष्ट प्रविष्टियां हैं – जैसे अभाज्य संख्याओं की शृंखला (2, 3, 5, 7, 11…) या फिबोनाची शृंखला (1, 1, 2, 3, 5, 8, 13….)। किंतु ऐसी शृंखलाएं भी हैं – टू-बाय-फोर स्टडेड लेगो ब्लॉक्स की एक निश्चित संख्या (n) की मदद से एक स्थिर मीनार बनाने के तरीकों की संख्या। या ‘लेज़ी कैटरर्स शृंखला’ (1, 2, 4, 7, 11, 16, 22, 29,…) या किसी केक को n बार काटकर अधिकतम कितने टुकड़े प्राप्त हो सकते हैं।

यह एनसायक्लोपीडिया दरअसल सारी शृंखलाओं का एक संग्रह बनाने का प्रयास है। लिहाज़ा, यह संख्याओं की लोकप्रियता को आंकने का एक साधन भी बन गया है। कोई संख्या इस संग्रह में जितनी अधिक मर्तबा सामने आती है, उतनी ही वह दिलचस्प है। कम से कम फिलिप गुग्लिएमेटी का यह विचार है। अपने ब्लॉग डॉ. गौलू पर उन्होंने लिखा था कि उनके एक गणित शिक्षक ने दावा किया था कि 1548 में कोई विशेष गुण नहीं हैं। लेकिन ऑनलाइन एनसायक्लोपीडिया में यह संख्या 326 बार प्रकट होती है। थॉमस हार्डी ने जिस संख्या 1729 को नीरस माना था वह इस एनसायक्लोपीडिया में 918 बार नज़र आती है।

तो गुग्लिएमेटी सचमुच नीरस संख्याओं की खोज में जुट गए। यानी ऐसी संख्याएं जो एनसायक्लोपीडिया में या तो कभी नहीं दिखतीं या बहुत कम बार दिखती हैं। संख्या 20,067 की यही स्थिति पता चली। इस वर्ष मार्च तक यह वह सबसे छोटी संख्या थी जो एक भी शृंखला का हिस्सा नहीं थी। इसका कारण शायद यह है कि इस एनसायक्लोपीडिया में किसी भी शृंखला के प्रथम 180 पदों को शामिल किया जाता है। अन्यथा हर संख्या धनात्मक पूर्ण संख्याओं की सूची में तो आ ही जाएगी। इस लिहाज़ से देखा जाए तो संख्या 20,067 काफी नीरस लगती है जबकि 20,068 की 6 प्रविष्टियां मिलती हैं। वैसे यह कोई स्थायी अवस्था नहीं है। यदि कोई नई शृंखला खोज ली जाए, तो 20,067 का रुतबा बदल भी सकता है। बहरहाल, एनसायक्लोपीडिया संख्या की रोचकता का कुछ अंदाज़ तो दे ही सकता है।

वैसे बात इतने पर ही नहीं रुकती और यह एनसायक्लोपीडिया संख्याओं के अन्य गुणों की खोजबीन का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। लेकिन शायद वह गहन गणित का मामला है। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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