बढ़ता तापमान और बेसबॉल में बढ़ते होम रन

ह तो हम जानते हैं कि बढ़ता वैश्विक तापमान जीवन पर असर डालता है। लेकिन यह बात शायद थोड़ा हैरान कर दे कि यह खेलों को भी प्रभावित करता है। फिलहाल यह बात बेसबॉल के मामले में कही गई है।

दरअसल, हवा जितनी गर्म होगी उसका घनत्व उतना कम होगा। इसलिए वैश्विक तापमान में वृद्धि से, बल्ले द्वारा उछाली गई गेंद को हवा में कम घर्षण मिलेगा और सिद्धांतत: होम रन की संख्या बढ़ेगी। हालिया अध्ययन बताता है कि 2010 के बाद से मेजर लीग बेसबॉल (एमएलबी) में लगभग 0.8 प्रतिशत होम रन वैश्विक तापमान वृद्धि के कारण हुए हैं। हालांकि हाल के दशकों में होम रन की संख्या बढ़ने में अन्य कारकों की भूमिका भी रही है, जैसे खिलाड़ियों के बेहतर प्रयास और गेंद की डिज़ाइन आदि। बेसबॉल के खेल में आम तौर पर होम रन गेंद के मैदान को छुए बगैर सीमापार जाने पर माना जाता है।

वैसे 2012 में एक मैच के दौरान, पूर्व खिलाड़ी और कमेंटेटर टिम मैककार्वर ने संभावना जताई थी कि बढ़ते होम रन का कारण जलवायु परिवर्तन हो सकता है। उस समय तो यह विचार खारिज कर दिया गया था। लेकिन बेसबॉल प्रशंसक और जलवायु वैज्ञानिक क्रिस्टोफर कैलेहन ने इसे परखने का सोचा।

होम रन की बढ़ती संख्या में बढ़ते तापमान और घटते वायु घनत्व की भूमिका देखने के लिए कैलेहन के दल ने एमएलबी द्वारा सहेजे गए अथाह डैटा को देखा। एमएलबी ने दशकों से होम रन के आंकड़े तो सहेज ही रखे थे, साथ ही वर्ष 2015 से स्वचालित कैमरों और कंप्यूटरों द्वारा हर गेंद के वेग और प्रक्षेपवक्र का भी रिकॉर्ड रखा हुआ था।

दल ने 1962 से 2019 के बीच विभिन्न स्टेडियम में हुए एमएलबी मैचों वाले लगभग 1,00,000 दिनों के तापमान और होम रन का विश्लेषण किया। कंट्रोल के तौर पर उन्होंने 2015 से 2019 के बीच खेले गए मैचों में 2,20,000 बल्लेबाज़ों के हाई-स्पीड वीडियो फुटेज का विश्लेषण किया। दोनों विश्लेषणों के नतीजे एक ही थे: औसतन, तापमान में 1 डिग्री सेल्सियम की वृद्धि होम रन में लगभग 2 प्रतिशत की वृद्धि होती है। अमेरिकन मिटिरियोलॉजिकल सोसायटी के अनुसार हर 1 डिग्री सेल्सियस अतिरिक्त तापमान ने हर बेसबॉल सीज़न में 95 अतिरिक्त होम रन दिए हैं, और 2010 के बाद से 500 से भी अधिक अतिरिक्त होम रन बढ़ते तापमान की देन हैं।

वैसे, यह संख्या 2010 के बाद से मारे गए 65,300 से भी अधिक होम रन के सामने कुछ भी नहीं है। पिछले 40 सालों में प्रति गेम होम रन की संख्या 34 प्रतिशत बढ़ी है। और इसमें से अधिकांश बढ़त का जलवायु परिवर्तन से कोई लेना-देना नहीं है। होम रन की संख्या बढ़ने के मुख्य कारक बल्लेबाज़ के होम रन करने के प्रयास, और गेंद की सिलाई में बदलाव हैं।

बहरहाल, इतने अधिक और अच्छी तरह सहेजे गए डैटा की बदौलत जलवायु परिवर्तन का होम रन पर इतना बारीक प्रभाव पता लगा है और यह तापमान बढ़ने के साथ बढ़ेगा। तापमान बढ़ता रहा तो मैच के लिए रात का समय या बंद स्टेडियम पर विचार करना होगा। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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