हाथी की हरफनमौला सूंड

हाथी अपनी सूंड से लकड़ी के भारी लट्ठे से लेकर कुरकुरी आलू चिप्स बिना मसले उठा सकते हैं। उनकी सूंड की जटिल मांसल संरचना इस कोमल और मज़बूत दोनों तरह की पकड़ को संभव बनाती है। अब, शोधकर्ताओं ने एक शिशु हाथी की सूंड की विस्तृत पड़ताल कर इस उपांग की मांसपेशियों की गणना कर ली है और उन्हें चित्रित किया है। करंट बायोलॉजी में प्रस्तुत उनकी रिपोर्ट के अनुसार हाथियों की सूंड को (चीज़ों के अनुसार) पकड़ में लचीलापन मांसपेशी तंतुओं के लगभग 90,000 सूक्ष्म गुच्छों से मिलता है। इस खोज से रोबोट के उपांगों में लचीलापन लाने में मदद मिलने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि हाथी की सूंड उपांग के उन चंद उदाहरणों में से हैं जिनमें हड्डियां नहीं होती, लेकिन फिर भी ये स्वयं से घूम-मुड़ सकते हैं; जैसे हमारी जीभ। प्रमुख रूप से, सूंड के दोनों तरफ आठ मुख्य पेशियां होती हैं, साथ ही दोनों नासिका छिद्रों के बीच सूंड के शुरू से आखिर तक एक लंबी पेशी होती हैं। लेकिन सूंड को विशिष्टता इन पेशियों की सूक्ष्म बनावट से मिलती है।

पेशियां तंतुओं के गुच्छों से बनी होती हैं। इन गुच्छों को फैसिकल कहते हैं और इनकी जमावट ही पेशियों के विभिन्न कार्यों के लिए ज़िम्मेदार है। पूर्व अध्ययनों में सूंड का विच्छेदन करके अनुमान लगाया गया था कि सूंड में तकरीबन 30,000 से 1,50,000 के बीच फैसिकल्स हो सकते हैं। सटीक गणना के लिए हम्बोल्ट विश्वविद्यालय के तंत्रिका वैज्ञानिक माइकल ब्रेख्त की टीम ने 6 दिन की उम्र में मृत एक शिशु हाथी की सूंड को उच्च विभेदन वाले सीटी स्कैनर से स्कैन किया और एक सॉफ्टवेयर की मदद से सूंड के चार प्रतिनिधि भागों में पेशियों के फैसिकल्स की पहचान की। इस तरह उन्होंने पता लगाया कि पूरी सूंड में 89,000 से भी अधिक फैसिकल्स होते हैं। सूंड के पकड़ बनाने वाले सिरे पर सबसे अधिक, लगभग 8000, नन्हें फैसिकल्स होते हैं। सिरे पर इन फैसिकल्स की लंबाई महज 2 मिलीमीटर होती है और औसत व्यास मानव बाल (औसतन 75 माइक्रोमीटर) के बराबर होता है। तुलना के लिए देख सकते हैं कि मानव हाथ के फैसिकल्स करीब 60 मिलीमीटर लंबे होते हैं।

इसके अलावा सूंड के सिरे पर फैसिकल्स की जमावट रेडियल रूप में (कतार में केन्द्र से बाहर की ओर) होती है, जो पकड़ में बारीक नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है। इस तरह यह सूंड के सिरे को चुन्नट डालकर सिकुड़ने और फैलने में मदद करती है।

स्कैन से यह भी पता चला कि मुख्य सूंड में सिरे की तुलना में फैसिकल्स काफी बड़े होते हैं, और दो तरह से जमे होते हैं। लंबाई में जमे फैसिकल्स पूरी सूंड को ऊपर-नीचे और अगल-बगल ले जाने में मदद करते हैं जबकि आड़े में जमे फैसिकल्स सूंड में मरोड़ पैदा करने में सहायता करते हैं। सूंड के ऊपरी हिस्से में ज़्यादा पेशियां आड़े में जमी होती हैं जबकि नीचे की ओर लंबाई में जमी पेशियां ज़्यादा होती हैं। यही कारण है कि सूंड बाहर की तुलना में अंदर की ओर ज़्यादा मुड़ सकती है।

इस जानकारी का इस्तेमाल अधिक लचीले और नियंत्रित रोबोटिक अंग बनाने में किया जा सकेगा। (स्रोत फीचर्स)

नोट: स्रोत में छपे लेखों के विचार लेखकों के हैं। एकलव्य का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
Photo Credit : https://www.science.org/do/10.1126/science.adl0582/full/_20230926_on_elephant_trunks_new-1695750396387.jpg

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